उत्तराखंड

निजी शिक्षण संस्थान केंद्रीय विवि से नाता तोड़ने को तैयार

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देहरादून। केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) की वजह से परेशान रहे राज्य के प्राइवेट शैक्षिक संस्थान एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से नाता तोड़ने को तैयार हो गए। मंगलवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान से मुलाकात के दौरान एसोसिएशन अफ सेल्फ फाइनेंसड इंस्टीट्यूटस ने राज्य विश्वविद्यालयों से जुड़ने पर सहमति दे दी। लेकिन एक शर्त यह जोड़ी हैकि सभी संस्थानों को राज्य विवि में सीधे संबद्घता दी जाए। मंगलवार दोपहर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से ननूरखेड़ा में मुलाकात कर अपनी पीड़ा रखी। उन्होंने कहा कि सीयूईटी की वजह से हजाारों छात्रों को एडमिशन नहीं मिल पाए। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय मंत्री ने केंद्रीय विवि की व्यवस्था में टूट पर सहमति नहीं दी। लेकिन यह सुझाव दिया कि प्राइवेट शिक्षण संस्थान चाहे तो वो राज्य विवि से संबद्घता ले सकते हैं। यह ज्यादा बेहतर होगा। इस पर ऐसोसिएशन ने हामी भर दी। एसोसिएशन के अध्यक्ष ड़ सुनील अग्रवाल ने कहा कि यदि राज्य विवि सभी शिक्षण संस्थानों को सीधा संबद्घता देने को तैयार हो तो तत्काल प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। वर्तमान में करीब 70 शिक्षण संस्थान ही केंद्रीय विवि से संबद्घ हैं। इनमें ज्यादातर कालेज 15 वर्ष से ज्यादा पुराने हैं। इसलिए बिना औपचारिकताओं के सभी कलेजों को राज्य विश्वविद्यालय में सीधे ट्रांसफर की व्यवस्था होनी चाहिए।
इस दौरान वहां मौजूद उच्च शिक्षा मंत्री ड़ धन सिंह रावत ने एसोसिएशन को उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगौली को संबद्घता की व्यवस्था बनाने के निर्देश भी दिए। एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल में गुरदेव सिंह वारने, अजय जसोला, अंबरीश कुमार गर्ग, निशांत थपलियाल, अनिल तोमर, रामकुमार शर्मा, सौरभ शर्मा, हरीश अरोड़ा, आदि शामिल रहे।
शोध छात्रों की फेलोशिप 15 हजार की जाएरू छात्र
देहरादून। एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि छात्र संघ के प्रतिनिधिमंडल ने भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने छात्रों की विभिन्न मांगों को रखते हुए नन नेट पीएचडी के शोध छात्रों की फेलोशिप बढ़ाकर 15000 रुपए प्रति महीना करने की मांग की। प्रतिनिधि मंडल में छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव मोहन सिंह नेगी, उपाध्यक्ष रोबिन सिंह असवाल एवं छात्रसंघ महासचिव सम्राट सिंह राणा ने सीयूईटी की वजह से एडमिशन में आई दिक्कतों का जिक्र करते हुए भविष्य के लिए ठोस नीति बनाने की गुजारिश भी की। साथ ही विवि प्रशासन पर शिक्षक नियुक्तियों में नियमों का पालन न करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग भी की। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।

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