उत्तराखंड

क्षैतिज आरक्षण व चिन्हीकरण की मांग के लिए शहीद स्मारक में दिया धरना

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देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी सयुंक्त मंच के तत्वावधान में राज्य आंदोलनकारियों को राजकीय सेवाओं में 10: क्षैतिज आरक्षण बहाल करने व चिन्हीकरण की प्रक्रिया पूर्ण करने की मांग को लेकर आंदोलन पांचवें दिन भी जारी रहा। शहीद स्मारक में चल रहे आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे कई वरिष्ठ आंदोलनकारियों ने सुनीता ठाकुर से 01जनवरी को अपनी जीवन लीला समाप्त करने की घोषणा वापस लेने का आग्रह किया, जिसे उन्होंने मना कर दिया। सुनीता ठाकुर ने कहा कि पिछले 10-12 सालों से वह किस तरह के मानसिक उत्पीड़न से गुजर रहीं हैं यह सिर्फ वही जानती है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को निशाने पर लेते हुए कहा कि, एक ही विधानसभा से होने के बावजूद भी अगर सीएम तक उनकी चेतावनी नहीं पहुंची तो उनके पास और कोई रास्ता नहीं बचा। संयुक्त मंच संयोजक क्रांति कुकरेती ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकारी झूठ से त्रस्त होकर 1 जनवरी को एक महिला आंदोलनकारी ने अपना जीवन समाप्त करने की चेतावनी दी है। धरने में बैठने वालों में राम किशन, अंबुज शर्मा, विनोद असवाल, सूर्यकांत शर्मा, मुन्नी खंडूड़ी, प्रभात डंडरियाल, रेखा शर्मा, संजय डोभाल, रामचन्द्र नौटियाल, कल्पेश्वरी, पुष्पा बहुगुणा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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