कोटद्वार-पौड़ी

सनेह मल्ली में खनन भंडारण निरस्त न होने पर पूर्व सैनिकों ने दी आंदोलन की चेतावनी 

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। पूर्व सैनिक सेवा परिषद कोटद्वार से जुड़े पूर्व सैनिक भी सनेह मल्ली में अवैध तरीके से बनाये गये खनन भंडारण के विरोध में आगे आये है। पूर्व में सनेह मल्ली के लोग भी कई बार प्रशासन को इस मामले की शिकायत कर चुके है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। पूर्व सैनिकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि दस दिन के अंदर सनेह मल्ली में बनाया गया भंडारण निरस्त नहीं किया गया तो वह आंदोलन को बाध्य होगें।
परिषद के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण बड़थ्वाल ने कहा कि पूर्व सैनिक सेवा परिषद के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष कैप्टन जसवंत सिंह बिष्ट सहित बीस पूर्व सैनिकों के घर के आसपास कुछ लोगों ने उपखनिज भंडारण स्थापित किया है। जबकि स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे है, इसके बावजूद भी यहां उपखनिज भंडारण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पूर्व में जनप्रतिनिधि सहित प्रशासन से शिकायत की गई। शिकायत पर प्रशासन की टीम ने मौका मुआयना किया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जिसस स्थानीय लोगों में आक्रोश पनप रहा है। श्री बड़थ्वाल ने कहा कि सनेह मल्ली में आबादी के बीच कृषि भूमि पर मानकों के खिलाफ बनाये गये आरबीएम के स्टॉक को हटवाने की मांग प्रशासन से स्थानीय लोग कर रहे है, लेकिन जिम्मेदारों के कान में जू तक नहीं रेंग रही है। खनन कारोबारियों ने ग्रामीणों के विरोध के बावजूद भंडारण शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि गांव की संकरी सड़कों पर उक्त वाहनों की आवाजाही के कारण जहां दुर्घटना का खतरा बना हुआ है, वहीं सड़क व पेयजल लाइन व सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त हो रही है। कैप्टन सीपी डोबरियाल, अनूप बिष्ट, सुभाष कुकरेती, बलवान सिंह रावत, उमेद सिंह चौधरी, सुरेश रावत, कैप्टन सीपी धूलियाल ने उपजिलधिकारी योगेश मेहरा को ज्ञापन सौंपते हुए दस दिन के अंदर भंडारण को बंद करने को लेकर ठोस निर्णय लेने की मांग की। उन्होंने भंडारण निरस्त न होने पर वह 28 अगस्त से तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन करेगें।
बता दें कि सनेह क्षेत्र के लोगों ने पूर्व में भी उक्त भंडारण का विरोध किया था। प्रशासन द्वारा उपखनिज के भण्डारण की स्वीकृति शासन द्वारा जारी मानकों के खिलाफ दिये जाने का आरोप स्थानीय जनता ने लगाया था। जिस पर प्रशासन व खनिज विभाग द्वारा जांच किये जाने पर इस भंडारण को मानकों के विपरीत पाया गया। बावजूद इसके इस भंडारण की स्वीकृति को रद्द नहीं किया गया।

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