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एसआईटी और सीबीसीआइडी जांच कराने की मांग

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नई टिहरी। पूर्व मंत्री दिनेश धनै ने टिहरी सरकारी बैंक भर्ती में बड़े घोटाले की साजिश का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बैंक भर्ती रोक कर एक बड़े घोटाले को होने से रोका है। पूर्व मंत्री ने सहकारी बैंक टिहरी में पूर्व में हुई भर्तियों की एसआईटी और सीबीसीआइडी जांच कराने की मांग की है। पूर्व पर्यटन मंत्री और उत्तराखंड जन एकता पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष दिनेश धनै ने गुरुवार को नई टिहरी अपने कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता में कहा कि टिहरी सहकारी बैंक में एक बड़े भर्ती घोटाले की तैयारी थी। भर्ती के लिए आवेदन करने वाले युवाओं से लाखों रुपये की मांग की जा रही थी। टिहरी सहकारी बैंक की नाक के नीचे यह सब एक बड़े गिरोह के जरिये करोड़ों का घोटाला करने की तैयारी थी। पूर्व में भी सहकारी बैंक में लाखों रुपये देकर फर्जी तरीके से भर्ती की गई है। उनकी सरकार से मांग है कि एसआइटी जांच कराई जाए ताकि सच्चाई सबके सामने आए। सहकारी बैंक की एक पूर्व महिला अधिकारी के जरिये चहेतों को भर्ती करवाया गया था। पूर्व मंत्री ने कहा कि टिहरी में सहकारी बैंक वसूली के लिए छोटे ग्रामीणों को परेशान और धमका रहा है, लेकिन बड़े सफेदपोश व्यक्तियों से बैंक वसूली नहीं कर पा रहा है। ऋण वसूली के लिए बैंक का यह दोहरा रवैया बेहद गलत है। जिले में सहकारी बैंक में भारी अव्यवस्था का आलम है। इस अवसर पर उपाध्यक्ष गोविद बिष्ट, राजेश व्यास, प्रताप गुसाई, बलबीर नेगी आदि मौजूद रहे। ….उच्चस्तरीय जांच हो : पूर्व मंत्री ने कहा कि जाखणीधार के टिहरी सहकारी बैंक समिति घोटाले की भी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। समिति के कई पदाधिकारियों ने नई टिहरी और देहरादून में हाल ही में प्लॉट खरीदे हैं और ऐसे में उनके इन प्लॉट खरीद की भी जांच होनी चाहिए। निर्दोष को बलि का बकरा बनाया जा रहा है, जबकि राजनीतिक पहुंच वाले व्यक्तियों को बचाया जा रहा है।

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