Uncategorized

एसआरएचयू के वेब सिम्पोशियम में जुटे देशभर से विशेषज्ञ

Spread the love

Backup_of_Backup_of_add

ऋ षिकेश। विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग की ओर से वेब सिम्पोशियम आयोजित किया गया। वेबिनार में देशभर के विभिन्न राज्यों से करीब 250 प्रतिभागियों ने भाग लिया।एसआरएचयू-कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग की ओर आयोजित वेब सिम्पोजियम में राष्ट्रीय स्तर की प्रवक्ता डॉ.तरु स्नेहा जिंदल ने बताया कि प्रतिवर्ष एक से सात अगस्त को विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजित किया जाता है। इसका मकसद माताओं को अपने शिशु को स्तनपान के प्रति जागरूक करने के साथ इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना होता है। डॉ.तरु ने बताया कि कि नवजात शिशुओं के लिए स्तनपान एक वरदान है, इससे मां व बेटे दोनों का ही स्वास्थ्य ठीक रहता है। मां का पहला गाढ़ा दूध बच्चे का पहला टीकाकरण के समान है, इससे बच्चे को आवश्यक खनिज व रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। माता के बीमार होने पर भी शिशु को स्तनपान कराना जरूरी होता है। यहां तक कि टायफायड, मलेरिया, पीलिया और कुष्ठ रोग में भी स्तनपान कराया जा सकता है। आयोजन समिति की सचिव कम्यूनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ.जयंती सेमवाल व कार्यक्रम समन्वयक डॉ.शैली व्यास ने बताया कि वेबिनार में करीब 250 प्रतिभागियों ने शिरकत की।मां का दूध शिशु के लिए अमृतडॉ.तरु स्नेहा जिंदल ने बताया कि मां के दूध में प्रोटीन, वसा कैलोरी, लैक्टोज, विटामिन, लोहा व पानी की मात्रा पर्याप्त रूप में होती है। उन्होंने कहा कि शिशु के लिए मां का दूध मस्तिष्क विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है, साथ ही आगे चलकर जो बच्चे मां का दूध लेते हैं उनमें डायबटीज व हाइपरटेंशन होने की संभावना कम रहती है।
छह माह तक सिर्फ मां का ही दूध पिलाएं: डॉ.तरु स्नेहा जिंदल ने बताया कि स्तनपान बच्चे के लिए अमृत हैं, बच्चे को 6 माह तक मां का ही दूध पिलाएं व 6 माह के बाद दो साल तक आहार के साथ मां का दूध पिलाते रहें, इससे बच्चा स्वस्थ रहने के साथ उसकी रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ेगी। स्तन कैंसर की संभावना कम हो जाती हैकम्यूनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ.जयंती सेमवाल ने बताया कि स्तनपान कराने से महिलाओं में स्तन कैंसर की संभावना कम रहती है। शिशु को स्तनपान कराने से मां में खून बहना व एनीमिया की संभावना को कम करता है।कोरोना पॉजिटिव होने पर भी मां अपने शिशु को दूध पिला सकती हैडॉ.शैली व्यास ने बताया कि य़ह भी बताया कि कोरोना पॉजिटिव होने पर भी मां अपने नवजात शिशु को दूध पिला सकती है। हालांकि कुछ जरूरी नियमों का पालन करते हुए स्तनपान कराना होगा। कोरोना काल में शिशु के लिए डिब्बाबंद दूध और कृत्रिम दूध से परहेज करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!