यूक्रेन से निकले स्टूडेंट पोलैंड बार्डर पर फंसे, कड़ाके की ठंड में भूखे पेट सड़क पर सोने का मजबूर, नहीं मिल रही फ्लाइट
रुद्रपुर । यूक्रेन के विभिन्न शहरों से भारतीय छात्र किसी तरह पोलैंड बार्डर पर धक्के खाते हुए पहुंचे, मगर वहां भी स्वदेश लौटने का कोई इंतजाम नहीं है। इससे छात्रों में काफी आक्रोश है। कड़ाके की ठंड में ठिठुर रहे छात्र किसी तरह शहरों से मौत के मुंह से निकल कर बार्डर पर पहुंचे तो अब भारत आने के लिए फ्लाइट नहीं मिल रही है। लोग भूखे सड़कों पर सोने को मजबूर हैं। दहशत के साये में जी रहे हैं। यूक्रेन में यूएस नगर के 44 विद्यार्थी पढ़ाई करने गए हैं। इन सभी ने जिला प्रशासन की ओर से जारी टोल फ्री नंबर पर अपना नाम व पते दर्ज कराए हैं।
यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद भारतीय छात्रों को स्वदेश लौटने के लिए भारत सरकार ने दो दिन पहले एडवाइजरी जारी की थी कि पोलैंड, हंगरी व रोमानिया के बार्डर पर पहुंचें। जहां से फ्लाइट से उन्हें स्वदेश लाया जाएगा। यूक्रेन के विभिन्न शहरों में मेडिकल की पढ़ाई करने गए भारतीय छात्र शुक्रवार को किसी तरह पोलैंड बार्डर पर पहुंच तो गए, मगर वहां पर फ्लाइट तो दूर खाने व ठहरने का भी इंतजाम नहीं है। यूक्रेन में पढ़ाई करने गए प्रीत विहार कालोनी रुद्रपुर निवासी जावेद अंसारी ने दैनिक जागरण को दूरभाष पर बताया कि पोलैंड बार्डर पर करीब तीन हजार भारतीय छात्र पहुंच गए हैं।
करीब 12 घंटे से फ्लाइट का इंतजार कर रहे हैं। इस मामले में जब भारतीय दूतावास से मोबाइल पर संपर्क किया गया तो बार्डर पर पहुंचने की बात कही गई, मगर कोई मदद के लिए नहीं आया। लोग भूखे सड़कों पर इधर उधर भटक रहे हैं। कड़ाके की ठंड में कई लोग सड़कों पर ही सो रहे हैं। छात्रों ने कहा कि यूक्रेन के शहरों से जान बचाकर किसी तरह बार्डर पर पहुंच गए हैं, अब यहां से वापस शहर नहीं जाएंगे। अब स्वदेश ही लौटा जाएगा। छात्रों के साथ भारत में उनके स्वजन बहुत ही परेशान हैं। अपने बच्चों के सुरक्षित स्वदेश लौट आने के लिए दुआ कर रहे हैं।