उत्तराखंड

राजकीयकरण को लेकर छात्रों ने दिया धरना

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नई टिहरी। राजकीयकरण की मांग को लेकर बालगंगा महाविद्यालय सेंदुल के छात्रसंघ पदाधिकारियों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरु कर दिया। छात्रों ने मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही। बुधवार को बालगंगा महाविद्यालय सेंदुल के छात्रसंघ पदाधिकारियों ने नारेबाजी करते हुए महाबिद्यालय के मुख्य गेट पर धरना शुरू कर दिया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत महाविद्यालय के राजकीयकरण की एक सूत्रीय मांग को लेकर छात्रसंघ अध्यक्ष आशुतोष बिष्ट के नेतृत्व में छात्रसंघ पदाधिकारी धरने पर बैठे। छात्रों ने प्रबंध समिति पर छात्रों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि, वर्षों से छात्र एवं शिक्षक कालेज को प्रबंधकीय व्यवस्था से हटाकर राजकीयकरण की मांग कर रहे है। उनकी मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कालेज के राजकीयकरांकि घोषणा की थी। लेकिन प्प्रबन्ध समिति अपनी संस्तुति नही दे रही है। कई बार छात्रसंघ की ओर से प्रबंध समिति व प्रशासन को ज्ञापन दिया गया, लेकिन समिति सरकारी हाथों में देने को तैयार नहीं है तथा छात्रों को लगातार गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि कलेज में बुनियादी सुविधाओं व शिक्षकों का अभाव बना हुआ है लेकिन राजकीयकरण के बाद भवन व अन्य सुविधाओं में सुधार होगा। छात्रसंघ अध्यक्ष ने मांगो पर कार्यवाही न होने पर चमियाला-घनसाली मोटरमार्ग पर चक्काजाम करने के साथ ही आमरण अनशन की चेतावनी दी। धरने पर बैठने वालों में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विकास सेमवाल, आशीष मेहरा, नैंसी आदि शामिल रहे।
राजकीयकरण के विरोध में भी उतरे छात्र
उधर राजकीयकरण के विरोध में कुछ छात्र-छात्राओं ने कलेज के प्राचार्य वीसी उनियाल को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में 20 से अधिक छात्रों ने कहा कि, जिले में राजकीय महाविद्यालयों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। जहां पर शिक्षा का स्तर बहुत ही निम्न है, जिस कारण छात्र संख्या भी काफी कम है। जबकि महाविद्यालय सेंदुल में करीब 650 रेगुलर छात्रों की संख्या है तथा 15 विषयो में पूर्ण शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी मौजूद है। उन्होंने कहा कि राजकीय होने के बाद शिक्षा के स्तर में गिरावट आएगी। जो कि छात्रहित में नही है। ज्ञापन सौंपने वालो मे प्रियांशु,अर्जुन सिंह,कविता,निकिता, विकास ,खेम सिंह सहित 20 से अधिक छात्र छात्राएं शामिल थे

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