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तेजी से फैलने लगा कोरोना, महाराष्ट्र में लकडाउन की वापसी, पुणे में स्कूल कलेज बंद, केरल में 10.7 फीसद इंफेक्शन रेट

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नई दिल्ली, एजेंसी। महाराष्ट्र और केरल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर लकडाउन और नाइट कर्फ्यू की वापसी करा दी है। हालांकि, अभी इन सख्त उपायों का दायरा सीमित ही है, लेकिन पिछले पांच दिनों से नए मामलों में जिस तरह से वृद्घि हो रही है, उसको देखते हुए बड़े स्तर पर ऐसे कदम उठाए जाने की संभावना से इन्कार भी नहीं किया जा सकता। महाराष्ट्र के मंत्री ने इसके संकेत भी दे दिए हैं। देश में पिछले 24 घंटों के दौरान 14 हजार से ज्यादा नए मामले मिले हैं और सक्रिय मामलों की संख्या डेढ़ लाख के करीब पहुंच गई है।
महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वाडेत्तीवार ने रविवार को कहा कि कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सरकार रात का कर्फ्यू लगाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि नागपुर, अमरावती, यवतमाल में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और इन जिलों में रात का कर्फ्यू लगाने पर जल्द ही फैसला किया जाएगा। वहीं अमरावती जिले में सोमवार तक लकडाउन को बढ़ा दिया गया है।
पुणे में स्थानीय प्रशासन ने स्कूल, कलेज कोचिंग सेंटरों को 28 फरवरी तक बंद रखने का आदेश दिया है। रात 11 से सुबह छह बजे तक आवश्यक सेवाओं को छोड़कर जिले में हर तरह की गतिविधियों पर रोक रहेगी। अखबारों के हाकर, सब्जी बेचने वालों और अस्पताल जाने वालों को ही घरों से बाहर निकलने की टूट होगी। होटल, बार और रेस्तरां भी रात 11 बजे तक ही खुलेंगे। शनिवार को पुणे मंडल में करीब एक हजार नए संक्रमित मिले थे।
केरल के अलप्पुझा जिले में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां साप्ताहिक संक्रमण की दर बढ़कर 10.7 फीसद हो गई है। इस दौरान 2,833 मामले भी सामने आए हैं। इसके अलावा पंजाब, जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी पिछले कुछ दिनों से मामले बढ़ रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र और केरल से बढ़ते मामलों को देखते हुए आरटी-पीसीआर टेस्ट में तेजी लाने को कहा है। केंद्र ने कहा कि रैपिड एंटीजेन टेस्ट में जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई हो, उनकी अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जाए। इसके साथ ही वायरस की संरचना में हो रहे बदलाव पर भी लगातार नजर रखने का सुझाव दिया है। इन राज्यों से प्रभावित जिलों में सख्त निगरानी और कंटेनमेंट के उपायों को भी लागू करने को कहा गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों का कहना है कि लोगों की लापरवाही के चलते महाराष्ट्र एक बार फिर संक्रमण की चपेट में आते नजर आ रहा है। इनका कहना है कि लोगों ने मास्क पहनना और दो गज की शारीरिक दूरी बनाए रखना छोड़ दिया है। पिछले साल अप्रैल में गठित कोरोना वायरस टास्क फोर्स के प्रमुख डा़ संजय ओक ने कहा कि राज्य में बढ़ते मामले को महामारी की दूसरी लहर नहीं कहा जा सकता, लेकिन लोग पाबंदियों और निर्देशों को नहीं मान रहे हैं। महाराष्ट्र के प्रधान स्वास्थ्य सचिव प्रदीप व्यास ने कहा कि लोगों की अनुशासनहीनता और लापरवाही से मामले बढ़ रहे हैं। राज्य में मामलों के दूना होने की दर 600 दिनों से घटकर 393 दिन पर आ गई है। 24 घंटे के दौरान महाराष्ट्र में छह हजार से ज्यादा नए मामले मिले हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से रविवार सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 1,45,634 हो गई है, जो कुल मामलों का 1़32 फीसद है। इस दौरान 14,264 नए मामले मिले हैं और 90 लोगों की मौत हुई है। कुल संक्रमितों का आंकड़ा एक करोड़ नौ लाख 91 हजार से अधिक हो गया है। इनमें से एक करोड़ छह लाख 89 हजार मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं और 1,56,302 लोगों की जान भी जा चुकी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के मुताबिक कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए शनिवार को देशभर में 6़70 लाख नमूनों की जांच की गई। इनको मिलाकर अब तक कुल 21़09 करोड़ नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है।

महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक समारोहों पर रोक
मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्घव ठाकरे ने रविवार को कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सोमवार से राज्य में राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक समारोहों पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना फिर से बढ़ रहा है। उनके मुताबिक, आठ से 15 दिनों में पता चलेगा कि क्या यह एक और लहर है। देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस फिर तेजी से पांव पसारने लगा है। पिछले कुछ दिनों से केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते दैनिक आंकड़ों ने सरकार को चिंता में डाल दिया है। इन राज्यों के चलते पिछले 22 दिनों में शनिवार को पहली बार करीब 14 हजार नए मामले सामने आए और 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि केरल में तो रोजाना सबसे ज्यादा मामले आ ही रहे थे, पिछले हफ्ते से महाराष्ट्र में भी ज्यादा मामले मिलने लगे हैं। इसी तरह छत्तीसगढ़, पंजाब और मध्य प्रदेश में भी मामले बढ़े हैं। पिछले चौबीस घंटों के दौरान महाराष्ट्र में छह हजार से अधिक और केरल में करीब पांच हजार नए मामले मिले हैं। इस दौरान छत्तीसगढ़ में 259, पंजाब में 383 और मध्य प्रदेश में 297 मामले सामने आए हैं। मध्य प्रदेश में 13 फरवरी के बाद से ही नए मामलों में वृद्घि हो रही है। मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में संक्रमण से किसी की मौत नहीं हुई। इनमें तेलंगाना, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, असम, चंडीगढ़, लक्षद्वीप, मणिपुर, मेघालय, लद्दाख, मिजोरम, सिक्किम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा कि इन राज्यों में बढ़ते मामलों का असर देश के आंकड़ों पर पड़ा है और सुबह आठ बजे तक मिले आंकड़ों के मुताबिक तीन हफ्ते बाद पहली बार एक दिन में 13,993 नए केस मिले हैं और 101 लोगों की मौत हुई है, जिनमें महाराष्ट्र में 44, केरल में 15 और पंजाब में आठ मौतें शामिल हैं। कुल संक्रमितों का आंकड़ा एक करोड़ नौ लाख 77 हजार को पार कर गया है। इनमें से एक करोड़ छह लाख 78 हजार से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं और 1,56,212 लोगों की जान भी जा चुकी है। मरीजों के उबरने की दर बढ़कर 97़27 फीसद हो गई और मृत्युदर घटकर 1़42 फीसद पर आ गई है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक सक्रिय मामलों यानी उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1़5 लाख से नीचे बनी हुई है। वर्तमान में 1,43,127 सक्रिय मामले हैं, जो कुल मामलों का 1़27 प्रतिशत है।

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