अपहरणकर्ताओं ने तोड़ दिए थे जबड़े, छाती, नाक व कलाई की हड्डियां, शरीर पर 25 से 27 गंभीर चोटें
रानीखेत। अल्मोड़ा के भिकियासैंण में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के दलित नेता जगदीश की हत्या के बाद से क्षेत्र में सनसनी फैली हुई है। रानीखेत में हुए जगदीश के शव के पोस्टमार्टम में कई सनसनीखेज बातें निकलकर सामने आई हैं।
पोस्टमार्टम करने वाले डक्टरों के पैनल में शामिल चिकित्सक डा़ दीप प्रकाश पार्की के अनुसार, सवर्ण युवती से प्रेमविवाह करने वाले उपपा नेता जगदीश चंद्र के साथ अपहरणकर्ताओं ने क्रूरता की हदें पार कर दी थीं। जगदीश के पूरे शरीर में चोट की गई थी। उसके शरीर पर 25 से 27 गंभीर बाहरी चोटें मिलीं है। छाती, जबड़े व बाएं हाथ की कलाई व दोनों ऐड़ी की हड्डियां तोड़ डाली गई थीं। सिर पर भी काफी चोट पहुंचाई गई। नाक की हड्डी टूटी हुई थी।
चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि बहुत ज्यादा चोट लगने के कारण ही जगदीश की मौत हुई। हालांकि शरीर पर धारदार हथियार के निशान नहीं मिले हैं।
इधर कड़ी निगरानी में जगदीश चंद्र का शव पनुवाद्योखन (सल्ट ब्लाक) ले जाया गया। कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए खुद एसएसपी प्रदीप राय रानीखेत में र्केप करते रहे। जनपद के करीब सभी थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलवा लिया गया। उधर सल्ट क्षेत्र में भी बाहरी थानों से फोर्स बुलाई गई है। इधर मृतक का बड़ा भाई पृथवीपाल व भतीजे प्रदीप के साथ ही उपप नेता से प्रेमविवाह करने वाली गीता भी नागरिक पोस्टमार्टम हाउस पहुंची थी।
जगदीश से प्रेम विवाह करने से पूर्व ही उसकी पत्नी गीता ने वन स्टाप सेंटर की केंद्र प्रशासिका को प्रार्थनापत्र देकर जान का खतरा बताकर खुद की सुरक्षा की गुहार लगाई थी। इस पर प्रशासिका ने 17 अगस्त को जिला कार्यक्रम अधिकारी को पत्र लिख अवगत कराया गया। साथ ही शिकायतकर्ता गीता को सुझाव दिया कि गया कि निजी व्यय पर, माननयी न्यायालय के आदेशानुसार या स्थानीय पुलिस अथवा राजस्व उपनिरीक्षक की रिपोर्ट तथा जांच उपलब्ध कराई जा सकती है। इसके लिए गीता को आवेदन करने की सलाह भी दी गई थी।
गीता ने पुलिस प्रशासन को लिखे पत्र में कहा था कि जगदीश से प्रेमविवाह करने के लिए वह प्रमाणपत्र बनाने के सिलसिले में बीती 26 मई को अल्मोड़ा गई। साथ में जगदीश भी था। कुछ दिन बाद 17 जून को उसका सौतेला पिता जोगा सिंह उसे अल्मोड़ा में मिल गया। गीता के अनुसार तब जोगा सिंह जबरन उसे अपने साथ ले गया। मारपीट कर भविष्य में ऐसा करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। तंग आकर वह बीती सात अगस्त को भिकियासैंण में कमरा लेकर रह रहे जगदीश के पास पहुंच गई। जहां से दोनों ने पति पत्नी के रूप में रहने का फैसला किया। बीती 21 अगस्त को उन्होंने गैराड़ मंदिर में विवाह कर लिया।