कोटद्वार में अभिभावक कर रहे अपने बच्चों को केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाने का इंतजार
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव कोटद्वार में वर्ष-2025-26 के नए सत्र से केंद्रीय विद्यालय के संचालन के दावे खूब हुए। लेकिन, नया शैक्षाणिक सत्र शुरू हो चुका है और अब तक केंद्रीय विद्यालय की कक्षाओं का संचालन शुरू नहीं हुआ। यही नहीं केंद्रीय विद्यालय संचालन के लिए 15 कक्षा-कक्ष बनकर पूरी तरह तैयार हैं। लेकिन, अभी तक केंद्रीय विद्यालय संगठन ने हरी झंडी नहीं दिखाई है। ऐसे में कई अभिभावक अपने बच्चों को केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाने का इंतजार कर रहे हैं।
कोटद्वार क्षेत्र की करीब दो लाख की आबादी वाले कोटद्वार क्षेत्र की साठ फीसदी से अधिक आबादी सैन्य पृष्ठभूमि से तालुक रखती है। यही कारण है कि क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय स्थापना की मांग वर्षों पुरानी है। उत्तर प्रदेश शासनकाल में तो कोई सुनने वाला न था। लेकिन, उत्तराखंड राज्य गठन के बाद भी आज तक क्षेत्र की जनता की यह मांग पूरी नहीं हो पाई है। कोटद्वार में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना राजनीतिक पार्टियों के घोषणा पत्रों तक सिमट कर रह जाती। राज्य गठन के बाद वर्ष 2007 में सैन्य परिवारों ने सेना की मध्य कमान के तत्कालीन जेओसी इन चीफ ओपी नंद्राजोग के समक्ष केंद्रीय विद्यालय की मांग उठाई। लेकिन, मांग पर धरातल में कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। हालांकि, सैन्य परिवारों की ओर से उठी इस मांग के बाद राजनैतिक गलियारों में हलचल हुई व शासन के निर्देश पर प्रशासन ने झंडीचौड़ पश्चिमी में केंद्रीय विद्यालय के नाम पर आठ एकड़ भूमि स्वीकृत कर दी। लेकिन, जब भूमि का स्थलीय निरीक्षण हुआ तो उक्त भूमि पर कई लोगों के कब्जे मिले। नतीजा, यह भूमि खटाई में पड़ गई। वर्ष 2022 में कोटद्वार से विधायक चुनी गई विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने केंद्रीय विद्यालय को प्राथमिकता दी और प्रशासन को केंद्रीय विद्यालय के लिए भूमि तलाशने के निर्देश दिए। प्रशासन ने मगनपुर में राजकीय इंटर कालेज कण्वघाटी परिसर में खाता संख्या 20 के खेत संख्या 38 रक्बा 0.348 हेक्टेयर, खाता संख्या 33 के खेत संख्या 39 रक्बा 0.606 हेक्टेयर व खेत संख्या 41 में 0.114 हेक्टेयर कुल भूमि 1.068 हेक्टेयर का भूमि का चयन किया। विधानसभा अध्यक्ष ने 50 लाख की निधि से राजकीय इंटर कालेज कण्वघाटी के 15 कक्षा-कक्षों का जीर्णोद्वार करने के साथ ही तीन शौचालयों का निर्माण कराया। माना जा रहा है था कि इसी शैक्षणिक सत्र में केंद्रीय विद्यालय का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। लेकिन, नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद भी अभी तक केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से केंद्रीय विद्यालय संचालन की हरी झंडी नहीं दिखाई गई है।