कोटद्वार-पौड़ी

विवि को मिले प्रत्यावेदनों की जांच के लिए गठित कमेटी ने किए नीति नियम निर्धारित

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-गढ़वाल विवि की ईसी ने किया था मार्च माह में कमेटी का गठन
-विवि प्रशासन को विभिन्न स्रोतों से मिलने वाली शिकायतों जांच व निस्तारण करेगी कमेटी
-कमेटी के निर्णयों का अनुपालन सुनिश्चित कराएगा विवि
जयन्त प्रतिनिधि। 
श्रीनगर।
एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि परिक्षेत्र से संबंधित प्राप्त महत्वपूर्ण शिकायती प्रत्यावेदनों की जांच, निराकरण एवं निस्तारण के लिए गठित कमेटी ने नीति नियम निर्धारित कर लिए हैं। साथ ही कमेटी को प्रश्रगत समिति गढ़वाल विवि जांच एवं निराकरण तथा निस्तारण समिति का नाम दिया गया है। विभिन्न संस्थानों, शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों व छात्रों की ओर से भेजे गए प्रत्यावेदन जांच व निराकरण के लिए कुलपति या कुलसचिव के माध्यम से समिति को भेजे जाएंगे। समिति के निर्णयों का अनुपालन विवि प्रशासन सुनिश्चित करेगा।
बीते 13 मार्च माह में गढ़वाल विवि की कार्य परिषद (ईसी) की बैठक आयोजित की गई थी। विवि व कार्य परिषद को विभिन्न स्रोतों से मिलने वाली शिकायतों व प्रत्यावेदनों पर चर्चा की गई थी। विभिन्न संस्थानों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, शिक्षकों व छात्रों की ओर से समय-समय पर अलग-अलग माध्यम से दिए गए प्रत्यावेदनों की जांच, निराकरण व निस्तारण के लिए प्रो. कैलाश शर्मा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था। कई दौर की बैठकों के बाद कमेटी ने प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिए नीति व नियम निर्धारित कर दिए हैं। साथ ही कमेटी को नाम भी दे दिया गया है। कमेटी के सर्कुलर को विवि की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया है। सर्कुलर के तहत समिति विवि परिक्षेत्र के अंतर्गत प्राप्त महत्वपूर्ण शिकायती प्रत्यावेदनों की जांच निराकरण व निस्तारण करेगी। समिति किसी भी संवेदनशील प्रकरण पर स्वत: संज्ञान लेकर कार्यवाही के लिए विवि को निर्देशित करने के लिए भी अधिकृत होगी। विवि का कोई विभागाध्यक्ष या डीन अपने दायित्वों का उचित निर्वहन नहीं करता है और उसके पद पर बने रहने से विवि से विवि की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तो ऐसी स्थिति में कुलपति समिति को ऐसे प्रकरण की आख्या स्वयं प्रेषित कर सकेंगे। जिस पर समिति जांच करेगी। समिति का कार्यालय गढ़वाल विवि के मुख्यालय में होगा। समिति को किसी भी प्रकार की जांच के लिए नियमानुसार स्वतंत्र एवं पृथक जांच समिति गठित कर जांच कराने का अधिकार होगा। समिति झूठी व आधारहीन शिकायतों पर दंडात्मक कार्यवाही के लिए भी अधिकृत होगी। समिति के कार्यालय के संचालन की जिम्मेदारी उप कुलसचिव स्तर के अधिकारी को दी जाएगी।

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