कोटद्वार-पौड़ी

नदी की भेंट चढ़ी सुरक्षा दीवार, पुल पर भी मंडरा रहा खतरा

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रीवर ट्रेनिंग के नाम पर खोह नदी में किया गया था अवैध खनन
पांच वर्ष पूर्व गाड़ीघाट को ग्रास्टनगंज से जोड़ने के लिए बनाया गया था पुल
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : रीवर ट्रेनिंग के नाम पर खोह नदी में किया गया अवैध खनन बरसात में भारी पड़ रहा है। हालत यह है कि पांच वर्ष पूर्व गाड़ीघाट से ग्राटनगंज को जोड़ने के लिए खोह नदी पर बने पुल की सुरक्षा दीवार नदी की भेंट चढ़ गई है। साथ ही पुल की नींव भी खोखाली होने लगी है। ऐसे में पुल पर भी खतरा खतरा मंडराने लगा है।
मालूम हो कि वर्ष 2015 में ग्रास्टनगंज से गाड़ीघाट को जोड़ने के लिए दशहरा मैदान के समीप 90 मीटर स्पान के डबल लेन मोटर पुल को स्वीकृति दी थी। पुल निर्माण के लिए करीब 4.04 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे। वर्ष 2017 तक पुल निर्माण का कार्य पूरा हो गया व पुल से यातायात शुरू कर दिया गया। लेकिन, रीवर ट्रेनिंग के नाम पर खोह नदी में हुए अवैध खनन के चलते इस पुल को खतरा हो गया है। दरअसल, रीवर ट्रेनिंग के नाम पर पिछले चार-पांच वर्षों में हुए अवैध खनन के चलते जहां पुल की बुनियाद खोखली हो चली है, वहीं पुल की सुरक्षा दीवार भी नदी की भेंट चढ़ गई है। बताना जरूरी है कि बीती नौ जुलाई को क्षेत्र में करीब दो घंटे मूसलधार बारिश हुई, जिससे क्षेत्र की नदियों में जलस्तर बढ़ गया। इसी दौरान खोह नदी में बढ़े जलस्तर के कारण पुल की सुरक्षा दीवार नदी की भेंट चढ़ गई। क्षेत्रवासियों ने बताया कि रीवर ट्रेनिंग के नाम पर लगातार नदी में अवैध खनन किया जा रहा था। जिससे अब पुल को भी खतरा हो गया है। पूर्व में क्षेत्रवासियों ने इसकी शिकातय जिम्मेदार अधिकारियों को भी की थी। लेकिन, किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया।

लोनिवी भेजता रहा पत्र प्रशासन रहा मौन
क्षेत्र की नदियों में अवैध खनन के कारण पुलों पर मंडरा रहे खतरे को लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी लगातार प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भेजते रहे। लेकिन, जिम्मेदारी अधिकारियों ने धरातल पर कार्यवाही करने के बजाए इन पत्रों को फाइलों में दफन कर दिया। लोक निर्माण विभाग कार्यालय की माने तो रीवर ट्रेनिंग के नाम पर हुए अवैध खनन के संबंध में जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी के साथ ही मंडलायुक्त को भी कई मर्तबा पत्र भेजे गए। लेकिन, खनन रोकने की दिशा में कभी कोई कार्यवाही नहीं की गई।

बीते दिनों खोह नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण ग्रास्टनगंज पुल की सुरक्षा दीवार नदी की भेंट चढ़ गई है। विभाग की ओर से दीवार निर्माण को लेकर प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है। जिसे जल्द शासन में भेजा जाएगा। बजट स्वीकृति के बाद दीवार निर्माण की कवायद शुरू होगा। …डीपी सिंह, अधिशासी अभियंता, लोनिवि दुगड्डा

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