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इस्तांबुल में यूक्रेनी और रूसी प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई शांति वार्ता, तुर्की ने कहा- युद्घ खत्म होने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण प्रगति

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कीव, एजेंसी। यूक्रेन पर जारी भारी हवाई हमले के बीच यूक्रेनी और रूसी प्रतिनिधिमंडलों के बीच शांति वार्ता का नवीनतम दौर मंगलवार (स्थानीय समय) को इस्तांबुल के डोलमाबाहस पैलेस में हुई। सीएनएन न्यूज के अनुसार, रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रूस के उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन ने किया। रूसी प्रतिनिधिमंडल में वार्ताकार व्लादिमीर मेडिंस्की भी शामिल रहे।
वहीं दूसरी ओर, यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व डेविड अरखामिया ने किया। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को कहा कि अनौपचारिक क्षमता में बैठक में भाग लेने वाले सदस्यों में रूसी कुलीन रोमन अब्रामोविच भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच संपर्क बनाए रखने के लिए दोनों पक्षों से अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है। अब्रामोविच के मामले में उन्हें दोनों पक्षों से (उनकी भागीदारी की) मंजूरी है।
तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने वार्ता समाप्त होने के बाद कहा कि आज तक की चर्चाओं में मौजूदा वार्ता सबसे महत्वपूर्ण प्रगति है। रूस के अपने पड़ोसी पर आक्रमण के बीच अब पांचवें सप्ताह में यूक्रेनी और रूसी वार्ताकारों ने मंगलवार को दो सप्ताह से अधिक समय में पक्षों के बीच पहली आमने-सामने की बैठक की। कावुसोग्लू ने कहा कि तुर्की ने दोनों देशों के समझौते और कुछ मुद्दों पर एक आम समझ पर पहुंचने का स्वागत किया और कहा कि युद्घ जल्द से जल्द समाप्त होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेनी और रूसी विदेश मंत्रियों के बीच बाद की तारीख में अधिक कठिन मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद थी, यह कहते हुए कि दोनों देशों के नेता बाद में मिलेंगे।
रविवार को एक फोन काल में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने इस्तांबुल में अगले दौर की वार्ता आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की। एर्दोगन ने दोहराया कि तुर्की इस प्रक्रिया के दौरान हर संभव तरीके से योगदान देना जारी रखेगा। विशेष रूप से यूक्रेनी और रूसी प्रतिनिधिमंडलों ने अब तक तीन दौर की व्यक्तिगत तौर पर बातचीत की है।
24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन में एक सैन्य अभियान शुरू किया, जब डोनेट्स्क और लुहान्स्क के अलग-अलग गणराज्यों ने यूक्रेनी उकसावे के खिलाफ खुद का बचाव करने में मदद की अपील की थी। रूस के अपरेशन के जवाब में पश्चिमी देशों ने मास्को के खिलाफ एक व्यापक प्रतिबंध अभियान शुरू किया है।
तिवारी ने कहा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मुद्दे पर 15 मार्च को संसद में वक्तव्य दिया था। उन्होंने सूचित किया था कि इस घटना की जांच के लिए कोर्ट आफ इन्क्वायरी का आदेश दिया गया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, नौ मार्च को शाम करीब सात बजे नियमित रखरखाव और निरीक्षण के दौरान एक मिसाइल गलती से चल गई। समझा जाता है कि यह मिसाइल पाकिस्तान की सीमा के अंदर गिरी थी। राजनाथ ने लोकसभा में कहा था कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ। राजनाथ ने कहा था कि इस घटना के मद्देनजर संचालन, रखरखाव और निरीक्षण के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं की समीक्षा की जा रही है। हम अपने हथियार प्रणालियों की सुरक्षा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। यदि कोई कमी पाई जाती है तो उसे तत्काल दूर किया जाएगा।

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