कोटद्वार-पौड़ी

ग्रीष्मोत्सव में दिखी पहाड़ी संस्कृति की छटा

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पौड़ी में आयोजित की गई ग्रीष्मोत्सव की पहली सांस्कृतिक संध्या
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी: पौड़ी ग्रीष्मोत्सव की पहली सांस्कृतिक संध्या में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। ग्रीष्मोत्सव में पहाड़ की संस्कृति की छटा देखने को मिली। कलाकारों ने रंगारंग सास्कृतिक प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
रामलीला मैदान में आयोजित सात दिवसीय कार्यक्रम का शुभांरभ कलाकारों ने भूम्याल देव कंडोलिया देवता की स्तुति से की। मुख्य अतिथि विधायक पौडी राजकुमार पोरी ने कहा कि पौडी के कलाकार और यहां की प्रतिभायें आज देश दुनिया में उत्तराखंड का नाम रोशन कर रही हैं। हमें अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए गंभीरता से कार्य करना होगा। इसके उपरांत विभिन्न संस्थाओं की ओर से संयुक्त रूप से सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई। गढ़ कला सांस्कृतिक संस्थान, परम पर्वतीय रंगमंच, गढ़ श्रेष्ठ लोक कला शैलजा सांस्कृतिक समिति, मोनिका ड्रीम, पायल क्लब और गढ़ ज्योति सांस्कृतिक संस्था के कलाकारों ने भूम्याल देव कंडोलिया देवता की स्तुति की। इसके उपरांत कलाकारों ने ग्वीराला फूल फुलीगे, डांडा बासी चल कुड़ी, घसियारी नृत्य सहिति उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों के लोकनृत्य की प्रस्तुति दी। गीतकार साक्षी डोभाल के गीत बद्री केदार का दर्शन.., व मन भरमैगे.. को दर्शकों ने खूब पसंद किया। कार्यक्रम में संगीत पक्ष में तपेश्वर प्रसाद, विकास स्नेही, दीपक पंवार, भक्ति शाह,अभिनव जॉली, रोहित मंद्रवाल, भरत सिंह, नागेंद्र बिष्ट, रवि और अर्नव पोली थे। वहीं, गायक की भूमिका में प्रेमबल्लभ पन्त, नरेंद्र धीमान, दिगम्बर धीमान, प्रीति कोहली, जयश्री थे। नृत्य निर्देशन अंकित नेगी और गौरव गैरोला के जिम्मे था। वस्त्र सज्जा में रमन रावत थी। कार्यक्रम का संयोजन त्रिभुवन उनियाल ने किया। जबकि संचालन योगम्बर पोली कर रहे थे। इस मौके पर पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम, लोकगायक अनिल बिष्ट, नमन चन्दोला आदि मौजूद रहे।

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