ग्रामीण क्षेत्रों में कूड़ा प्रबंधन को लेकर अभी काफी काम होना है : सीसीएफ
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर सोमवार को पौड़ी में वन विभाग के तत्वावधान में गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में जैव विविधता प्रबंधन समिति (बीएमसी) और वन पंचायत सरपंचों ने अपने सुझाव भी दिए। कहा कि विभाग की ओर से इस दिशा में तेजी से काम करने की जरूरत है, ताकि ग्रामीणों का सहयोग लेते हुए कार्य धरातल पर उतारे जा सके।
वन पंचायत सरपंचों ने सुझाव दिया कि उत्तराखंड में हिमाचल की भांति बाहरी प्रदेशों के वाहनों पर पर्यावरण शुल्क लिया जाना चाहिए। इससे प्रदेश में फंड जुटेगा और इसकी मदद से पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को गति दी जा सकेगी। यह भी सुझाव था कि ग्राम स्तर पर प्रशिक्षण नहीं होने के कारण भी दिक्कत है, लिहाजा ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाए। गोष्ठी में जंगलों की आग को लेकर भी चर्चा हुई। मुख्य वन संरक्षक गढव़ाल सुशांत पटनायक ने जैव विविधता संबंधी ट्रेनिंग के लिए हर गांव में स्टाफ की तैनाती की बात कही। जबकि हिमाचल की तर्ज पर बाहरी प्रदेशों के वाहनों पर शुल्क को लेकर कहा कि हम प्रस्ताव बनाकर दे सकते है, इस पर निर्णय शासन स्तर पर लिया जाएगा। सीसीएफ ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कूड़ा प्रबंधन को लेकर अभी काफी काम होना है। इसके लिए प्लान बन रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में निकाय इस काम को कर रहे है। सीएफ गढ़वाल सर्किल पंकज कुमार ने जैव विविधता की थीम फॉरम एग्रीमेंट टू एक्शन बूल्ड बैक बायोडायवर्सिटी के बारे में जानकारी दी। वन पंचायतों से इसके लिए अपने स्तर पर भी कार्ययोजना बनाने के लिए कहा गया। इस मौके पर डीएफओ सिविल केएन भारती, वन क्षेत्राधिकारी पौड़ी एलएम नेगी सहित विभिन्न रेंजों के कार्मिक और बीएमसी सहित वन पंचायत अध्यक्ष एवं सदस्य मौजूद रहे।