उत्तराखंड

दो महकमों ने 17़75 करोड़ खर्च कर संवारा पार्क, तीसरे ने खोद डाला

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देहरादून। दो सरकारी महकमों ने 17़75 करोड़ रुपये खर्च करके राजपुर रोड के जिस क्षेत्र को संवारा, उसे तीसरे महकमे ने जगह-जगह खुदवा डाला। हाल ही में करीब 15 लाख रुपये खर्च करके बनाई गई उद्यान वाटिका तक तहस-नहस की गई। इन विभागों के बीच आपसी तालमेल के अभाव में जहां करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है, वहीं जनता भी मुसीबत झेलने को मजबूर है।
राजपुर रोड पर पुरानी चुंगी से जाखन तक मुख्य सड़क के किनारे एमडीडीए ने पार्क बनाया है। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) के साढ़े 17 करोड़ रुपये से 2018 में यह काम पूरा हुआ। लेकिन, अनदेखी के चलते इस पार्क से फैंसी लाइटें, लोहे के ट्री-गार्ड, जाली, गमले चोरी होने लगे। बैंच भी क्षतिग्रस्त हो गए। करीब डेढ़ साल पहले यह पार्क नगर निगम के पास हैंडओवर हुआ। नगर निगम ने इसके रखरखाव की जिम्मेदारी टेंडर के जरिये होर्डिंग विज्ञापन का काम कर रही एक कंपनी को दी। कंपनी ने स्ट्रीट लाइटों को ठीक कराया और सफाई व्यवस्था के लिए कर्मचारी तैनात किए। नगर निगम की अनुबंधित कंपनी भी इस पार्क के रखरखाव के तहत 10 लाख रुपये खर्च कर चुकी है। हाल ही में पार्क के आसपास खाली जमीन पर एमडीडीए ने पंद्रह लाख रुपये में उद्यान वाटिका बनवाई और सुंदर फूल उगाए। अब यूपीसीएल से अनुबंधित एक कंपनी ने बिजली के तार भूमिगत करने के लिए पार्क और उद्यान वाटिका में खुदाई कर दी। जगह-जगह टाइलें उखाड़ दी गईं। गहरे गड्ढे किए गए। बैंच और गमलों के ऊपर मिट्टी के ढेर लगा दिए गए। यही नहीं, स्ट्रीट लाइटें भी बिजली के तार कटने के कारण बंद हो गई हैं। नगर निगम के कर एवं राजस्व अधीक्षक-भूमि विनय प्रताप सिंह ने बताया कि पार्क के रखरखाव की जिम्मेदारी संभाल रही कंपनी ने बिना अनुमति लिए खुदाई का काम करने को लेकर आपत्ति जताई है। नगर निगम की ओर से मौजूदा समय में काम कर रही कंपनी को पत्र लिखा जा रहा है। इसका जवाब मांगा जाएगा कि पार्क की मरम्म्मत का काम कब तक पूरा होगा। उद्यान अधिकारी-एमडीडीए एआर जोशी ने बताया कि उद्यान वाटिका में खुदाई का मामला संज्ञान में है। कंपनी ने बिजली के तार भूमिगत करने को पाइप बिछाने के लिए खुदाई करने की जानकारी दी है। मरम्मत का काम पूरा होते ही यहां फिर से रंग-बिरंगे फूल लगवाए जाएंगे।
पर्यटक सीजन में खुदाई पर उठे सवाल
राजपुर रोड में पर्यटक सीजन के दौरान खुदाई पर सवाल भी उठ रहे हैं। मसूरी के ज्यादातर पर्यटक यहां से होकर गुजरते हैं। देखने में यह क्षेत्र काफी मनमोहक लगता था, लेकिन अब बदहाल है। इससे पर्यटकों के सामने शहर की छवि भी धूमिल होगी। शहर के विकास की दौड़ में यह कैसा खेल है, जब विभागों में ही समन्वय नहीं है। इससे पहले, दून में नई बनाई सड़कों को दोबारा खोदे जाने के मामले भी सामने आते रहे हैं।
करोड़ों खर्च कर पार्क बनाया, डक्ट नहीं डाली
जाहिर सी बात है कि यदि विभागों में आपसी तालमेल होता तो बार-बार खुदाई की जरूरत नहीं पड़ती। यूपीसीएल से अनुबंधित कंपनी के अफसरों का कहना है कि पार्क में जहां भी गड्ढे खोदे गए हैं, वहां मरम्मत करवाएंगे। उधर, सवाल यह भी उठ रहे हैं कि एमडीडीए ने सड़क किनारे की जगह का इस्तेमाल करके जब पार्क बनाया तो इसके नीचे डक्ट क्यों नहीं डाली गई। अगर डक्ट डाली होती तो यह नौबत नहीं आती।

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