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एक आशा के सहारे चल रही दो-दो ग्राम पंचायतें

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चम्पावत। चम्पावत जिले में एक आशा के सहारे दो-दो ग्राम पंचायतें चल रही है। विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के चलते कार्यकत्रियों को संक्रमितों तक मदद पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इससे संक्रमितों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही हैं। जिले की 313 ग्राम पंचायतों में 869 कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। चम्पावत जिले की 313 ग्राम पंचायतों में 349 आशा कार्यकत्रियों की तैनाती की गई है। एक आशा कार्यकर्ती को एक ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी दिए जाने का प्रावधान है। लेकिन जिले के चारों ब्लॉकों में 20 ग्राम पंचायतें दस आशा कार्यकर्तियों के हवाले हैं। इन सभी ग्राम पंचायतों की भौगोलिक परिस्थितियां विषम हैं। एक ग्राम पंचायत से दूसरी ग्राम पंचायत में पहुंचने के लिए इन आशाओं को लंबी दूरी पैदल नापनी पड़ रही है। वर्तमान में आशा कार्यकर्तियों को होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों तक दवाई किट, ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर समेत तमाम अन्य जरूरी सामग्री पहुंचाने का जिम्मा दिया गया है।
इन ग्राम पंचायतों में है एक-एक आशा की तैनाती
चम्पावत। चम्पावत ब्लॉक में सिमल्टा-कांडा, नघान-पल्सों और चौड़ाख्याली-बुंगाख्याली ग्राम पंचायतें एक आशा कार्यकर्ती के हवाले है। इसके अलावा लोहाघाट ब्लॉक में गुड़मांग-गुरौली, मडलक-मजपीपल, व कोट-बसान, पाटी में सिरतोली-लड़ी, मौनकांडा-डसिया व कनवाड़-पखौटी और बाराकोट ब्लॉक में खोला-फरतोला ग्राम पंचायतों में एक आशा की तैनाती है। इसके उलट बाराकोट ब्लॉक के वल्सों, पम्दा और बाराकोट ग्राम पंचायत में दो-दो आशाओं की तैनाती है।
जिले में दस आशा कार्यकत्रियों के पास दो-दो ग्राम पंचायत हैं। आशाओं को होने वाली दिक्कत की जानकारी है। कार्यकत्रियों को होने वाली दिक्कतों से निजात दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। -डॉ.आरपी खंडूरी, सीएमओ, चम्पावत।

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