उत्तराखंड

उत्तराखंड की पौराणिक परंपराएं-संस्ति बहुत समृद्घ, राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की आवश्यकता : प्रदीप टम्टा

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नई टिहरी। पूर्व राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा ने भिलंगना ब्लक के सिलयारा गांव में आयोजित पांडव नृत्य कार्यक्रम में शिरकत कर पांडव नृत्य देखा। इस अवसर पर पांडव नृत्य समिति ने फूल मालाओं से उनका स्वागत किया। मंगलवार को पांडव नृत्य देखने घनसाली के सिल्यारा गांव पहुंचे पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने नागराजा देवता आशीर्वाद दिया। इस मौके पर सांसद ने कहा कि उत्तराखंड की पौराणिक परम्पराएं व संस्ति बहुत समृद्घ है, लेकिन उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की आवश्यकता है। यहां के नृत्य, जागर, वाद्य यंत्र ढोल-दमाऊ और थौल मेले की परंपरा हमारे पूर्वजों ने सदियों पहले शुरू की, जब मनोरंजन का कोई साधन नहीं था। लेकिन आज भौतिकवाद व टीवी, मोबाइल के समय में लोग अपनी इन समृद्घ संस्ति और परंपराओं को छोड़कर पाश्चात्य संस्ति की ओर उन्मुख हो रहे है। उन्होंने सरकार से पहाड़ी संस्ति को बचाने के लिए इन्हें प्रोत्साहित करने की मांग की। इसके साथ ही सांसद ने उत्तरकाशी-घनसाली-तिलवाड़ा मोटरमार्ग की खस्ताहाल स्थिति में सुधार कर, उसे अल वेदर रोड की तर्ज पर निर्मित करने की भी मांग की। उन्होंने सिल्यारा के ग्रामीणों को इस पौराणिक परम्परा को जीवित रखने के लिए शुभकामनाएं देते हुए अन्य लोगों से भी इस परंपरा को आगे बढ़ाने की अपील की। इस मौके पर पूर्व प्रमुख विजय गुनसोला, कांग्रेस नेता शांति प्रसाद भट्ट, मुरारी लाल खंडवाल, ब्लक कांग्रेस अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद जोशी, प्रशांत जोशी, नित्यानंद कोठियाल, लक्ष्मण सिंह र्केतुरा, सब्बल सिंह बिष्ट, उम्मीद सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!