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ग्रामीणों ने रुकवाया रेलवे परियोजना का काम

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-रेलवे प्रशासन पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप
नई टिहरी। तीर्थनगरी देवप्रयाग के सौड़ गांव के ग्रामीणों ने रेलवे प्रशासन पर वायदाखिलाफी का आरोप लगाते हुए ऋषिकेश-कर्णप्रयाण रेलवे लाइन का काम रुकवा दिया। गुस्साए ग्रामीणों ने निर्माण कार्य में लगी मशीनों को रोकते हुए सभी मजदूरों को निर्माण स्थल से बाहर कर दिया। ग्रामीणों ने मांगों पर कार्रवाई होने तक निर्माण कार्य शुरु न होने देने की बात कही। सोमवार को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन से प्रभावित देवप्रयाग से सटे सौड़ गांव के ग्रामीणों ने लंबित मांगों पर कार्रवाई न होने पर परियोजना का कार्य रुकवा दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि सभी ग्रामीण कुछ शर्तो के साथ दो माह तक रेलवे परियोजना का काम जारी रखने पर सहमत हुए थे। लेकिन रेलवे तथा प्रशासन की ओर से मांगों पर कोई कार्रवाई न होने से ग्रामीणों में रोष बना हुआ है। वहीं वार्ता के लिए किसी सक्षम अधिकारी के नहीं आने से प्रभावित काफी आक्रोशित भी रहे। बीते मई माह में सौड़ गांव वासी सशर्त रेलवे परियोजना का काम जारी रखने को तैयार हुए थे। लेकिन दो माह से अधिक गुजर जाने के बाद भी कोई कारवाही न होने से सोमवार को आक्रोशित ग्रामीणों ने रेलवे संघर्ष समिति के बैनर तले यहां परियोजना काकाम रुकवा दिया। बीते दो माह पूर्व एसडीएम पौड़ी एसएस राणा, रेलवे परियोजना प्रबन्धक ओम प्रकाश मालगुडी, नायब तहसीलदार पीपीएस रावत, कानूनगो सुदामा रावत की टीम सौड़ गांव पहुंची थी। उनके द्वारा ग्रामीणों से अधिग्रहित भूमि पर रेलवे का काम न रोके जाने की अपील की गयी। काफी मनाने के बाद ग्रामीण उनसे वार्ता को तैयार हुए। जिसमें पांच बिदुओ पर सहमति बनने के बाद ग्रामीणों द्वारा उन पर कार्रवाई के लिए दो माह का समय दिया गया था। रेलवे संघर्ष समिति अध्यक्ष दिनेश टोडरिया, समाजसेवी सुधीर मिश्रा ने रेलवे व प्रशासन से हुए लिखित समझौता की जानकारी देते बताया कि हाईकोर्ट की ओर से सौड़ गांव में रेलवे की ओर से अधिग्रहित भूमि का तय मूल्य स्वीकार किये जाने, पेड़ कटान का भुगतान ग्रामीणों को उनके लाभ अनुसार दोनों सूचियों से किये जाने, जिन भूमिधरो का मामला कोर्ट में लंबित नही है, उन्हें दो माह में तय मुआवजा देने, रेलवे मे प्रभावितों को नौकरी दिये जाने, रेलवे की ओर से स्थानीय वाहनों, ट्रैक्टरों आदि को नियमानुसार वरीयता से किराये पर लिए जाने पर सहमति बनी थी। लेकिन रेलवे तथा प्रशासन की ओर से मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई। रेलवे का काम रोकने वालों में सुधीर चन्द्र मिश्रा, विजय सिंह, राहुल शर्मा, गिरीश टोडरिया, सुदर्शन शाह, वीरेंद्र असवाल,विपिन टोडरिया,अर्जुन सिह, दीपक सिह, चित्रा देवी, दुर्गि देवी, सपन सिंह शामिल रहे।

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