बिग ब्रेकिंग

विपक्षी दलों की बैठक में फैसला, नीट-जेईई परीक्षा आयोजन के खिलाफ जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

Spread the love
नीट और जेईई परीक्षा के आयोजन को लेकर गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक
परीक्षाओं के आयोजन के खिलाफ हैं ये मुख्यमंत्री, कोरोना वायरस महामारी को लेकर हैं चिंतित
बनर्जी ने कही सुप्रीम कोर्ट जाने की बात, सोरेन ने कहा पहले पीएम या राष्ट्रपति से मिलना बेहतर
सोनिया गांधी ने जताई नई शिक्षा नीति को लेकर चिंता, ईआईए ड्राफ्ट को बताया अलोकतांत्रिक
नई दिल्ली । कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर राज्यों के बकाया जीएसटी और नीट-जेईई परीक्षा को एक बैठक बुलाई है। बैठक में कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बैठक में मौजूद सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने परीक्षा आयोजन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने पर सहमति जताई है।
इससे पहले बैठक में बनर्जी ने नीट और जेईई परीक्षा आयोजन के खिलाफ सभी राज्यों से साथ आने का अनुरोध किया। इसके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्घव ठाकरे ने बच्चों के संक्रमित होने के खतरे का मुद्दा उठाया।वहीं, कांग्रेस अध्यक्षसोनिया गांधी ने जीएसटी का भुगतान न करने को केंद्र सरकार का छल बताया।
बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्घव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिस्सा ले रहे हैं।
मेडिकल की पढ़ाई के लिए होने वाली नीट और इंजीनियरिंग के लिए होने वाली जेईई परीक्षा को एक सितंबर से कराने का निर्णय किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इन परीक्षाओं के आयोजन को अनुमति दे दी है। 27 अगस्त को जीएसटी काउंसिल की बैठकहै और केंद्र ने राज्यों की हिस्सेदारी नहीं चुकाई है। गैर एनडीए शासित राज्यों में इससे चिंता है।
उद्घव ठाकरे ने अमेरिका में स्कूल-कलेज खोले जाने पर बनी स्थिति का जिक्र करते हुए कहा, अमेरिका से एक रिपोर्ट आई थी कि जब वहां स्कूल खोले गए थे तो लगभग 97,000 बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। अगर ऐसी स्थिति यहां बन गई तब हम क्या करेंगे?ठाकरे ने कहा, हमें यह तय करना चाहिए कि हमें डरना है या लड़ना है।
ममता बनर्जी ने बैठक में कहा, मेरा सभी राज्य सरकारों से अनुरोध है कि हमें साथ मिलकर काम करना होगा। आइए हम साथ में सर्वोच्च न्यायालय जाते हैं और परीक्षा को तब तक के लिए स्थगित करवा देते हैं जब तक कि स्थिति छात्रों के परीक्षा में बैठने लायक नहीं हो जाती।
बनर्जी ने कहा, परीक्षाएं सितंबर में हैं। छात्रों के जीवन को खतरे में क्यों डाला जाए? हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है। , कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बनर्जी का समर्थन किया तोहेमंत सोरेन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले हमें प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के पास जाना चाहिए।सोरेन ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी एजेंसियों का विपक्ष का खिलाफ इस्तेमाल कर रही है और संघीय ढांचे को अनदेखा कर रही है।
नारायणसामी ने कहा, परीक्षाओं का आयोजन करने से देश में कोविड-19 मीमलों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो भारत सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी। हम इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ यह लड़ाई मिलकर लड़ेंगे।
बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित घोषणाएं वास्तव में हमें चिंतित कर सकती हैं क्योंकि यह हमारे लिए एक झटका है। छात्रों और परीक्षाओं से संबंधित अन्य समस्याओं का भी ठीक तरह से निपटारा नहीं किया जा रहा है।
गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में सोनिया ने कहा, श्11 अगस्त को वित्त की स्थायी समिति की बैठक में, वित्त सचिव ने कहा कि केंद्र वर्तमान वर्ष में जीएसटी के 14 फीसदी का अनिवार्य भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। जीएसटी पर राज्यों को क्षतिपूर्ति देने से इनकार किया जाना मोदी सरकार का राज्यों के लोगों से छल के अलावा और कुछ नहीं है।श्भूपेश बघेल ने कहा, केंद्र ने राज्यों को पिछले चार महीने से जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं किया है। आज स्थिति भयावह हो गई है।
बनर्जी ने कहा, सहकारी संघवाद के नाम पर केंद्र ने राज्य सरकारों को ‘कुचल’ डाला है, हम लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं सोनिया गांधी ने कहा कि पर्यावरण असर आकलन (ईआईए) कानून का मसौदा अलोकतांत्रिक है। मोदी सरकार ने पर्यावरण, लोक स्वास्थ्य की सुरक्षा वाले कानूनों को कमजोर किया है।
राहुल ने नीट और जेईई परीक्षाओं को लेकर फघ्रि उठाई आवाज, कहा- छात्रों की चिताओं पर गौर करे सरकार
नई दिल्ल। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एकबार फिर छात्र हितों की हिमायत करते हुए सरकार से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा और संयुक्त प्रवेश परीक्षा को लेकर छात्रों की चिंताओं पर गौर करने और इसका समुचित समाधान निकालने की गुजारिश की है। मालूम हो कि छात्र मौजूदा वक्घ्त में कोरोना संक्रमण के खतरों को देखते हुए मेडिकल और इंजीनियरिंग की इन प्रवेश परीक्षाओं को टाले जाने की मांग कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि नीट और जेईई की प्रवेश परीक्षाओं में बैठने वाले छात्र कोरोना संक्रमण के खतरों के चलते अपने स्घ्वास्घ्थ्घ्य और भविष्य को लेकर चघ्ंितित हैं। बिहार और असम में महामारी और बाढ़ की तबाही के दौरान परिवहन को लेकर भी छात्रों की चिंताएं हैं। सरकार को छात्रों के हितों और उनकी चिंताओं पर ध्घ्यान देते हुए इस मसले का समुचित समाधान करना चाहिए। राहुल गांधी ने इससे पहले भी छात्रों की चिंताओं और उनके हितों पर गौर करने की मांग सरकार से की थी। उन्होंने कहा था कि सरकार को नीट, जेईई परीक्षा के बारे में छात्रों के मन की बात को सुनना चाहिए।
बता दें कि इस मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कोरोना संकट के दौर में जेईई मेन और नीट परीक्षाओं और नई शिक्षा नीति के मसले पर बुधवाार को एक वर्चुअल बैठक आयोजित की। इसमें सात राज्य के मुख्यमंत्री शामिल हुए। बैठक में नीट और जेईई परीक्षा कराने के फैसले के खिलाफ सात राज्यों के सुप्रीम कोर्ट जानें पर सहमति बनी। बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इस मामले पर एकजुट होकर केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए। एजेंसी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!