बिग ब्रेकिंग

नही होगा  फिलहाल भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन, हार की होगी पहले समीक्षा

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

देहरादून। भाजपा उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने प्रदेश नेतृत्व में बदलाव पर पूर्ण विराम लगा दिया है। माना जा रहा है कि दिसंबर तक पार्टी में कोई फेरबदल नहीं होगा। उत्तराखंड प्रभारी गौतम ने मीडिया से बातचीत में इस पर पूरी तरह से विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन के बूते उत्तराखंड में भाजपा 47 सीटें जीतकर दोबारा सत्ता में आने का इतिहास रचा है।
उत्तराखंड में ऐसा पहली बार हुआ, जब कोई सरकार दोबारा सत्ता में आई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश नेतृत्व ने चुनाव में कड़ी मेहनत और ईमानदारी के साथ काम किया है। हाईकमान भी इस पर संगठन की पीठ थपथपा चुका है। दरअसल, विधानसभा चुनाव संपन्न होते हुए पार्टी के कई प्रत्याशियों ने पदाधिकारियों पर भितरघात के आरोप लगाए थे। लक्सर के विधायक संजय गुप्ता ने तो मतदान संपन्न होते हुए सीधे-सीधे प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को निशाना बना दिया था और उन पर गंभीर आरोप लगाए थे।
इसके बाद चंपावत, काशीपुर, यमनोत्री आदि कई सीटों के प्रत्याशियों ने भी पदाधिकारियों पर भितरघात के आरोप लगाने शुरू कर दिए थे। इससे भाजपा में प्रदेश नेतृत्व बदलने को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था। भाजपा उत्तराखंड के चुनाव नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित हैं। इसके बाद ही उत्तराखंड में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कसरत शुरू होगी। इसी के साथ कैबिनेट के विस्घ्तार पर भी फिलहाल विराम लग गया है। बताते चलें कि पुष्कर धामी कैबिनेट में अभी तीन पद रिक्त चल रहे हैं। माना जा रहा था यदि प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सरकार में एडजस्ट होते हैं तो फिर प्रदेश अध्यक्ष की कमान गढ़वाल से किसी ब्राह्मण चेहरे को सौंपी जाएगी। लेकिन उत्तराखंड प्रभारी गौतम ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि फिलहाल प्रदेश नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि दिसंबर माह तक धामी मंत्रिमंडल में विस्तार की उम्मीदें कम हैं। दूसरी ओर उत्तराखंड प्रभारी गौतम ने हार वाली 23 सीटों की समीक्षा भी की। इन सीटों पर हार की वजह जानने के लिए पार्टी ने विभिन्न नेताओं की जिम्मेदारी सौंपी थी। इनकी रिपोर्ट शनिवार को अनुशासन समिति के सुपुर्द कर दी हैं। 23 में 17 विधानसभा सीटों की रिपोर्ट पार्टी मुख्यालय को मिल पाई थी। सूत्रों ने बताया कि यदि किसी सीट पर वास्तव में भितरघात हुआ तो अनुशासन समिति की सिफारिश के बाद की कारवाई की जाएगी। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, महामंत्री संगठन अजेय कुमार, महामंत्री कुलदीप कुमार, अनुशासन समिति के अध्यक्ष दीपक मेहरा, सचिव डा़ आदित्य कुमार भी मौजूद रहे। उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम का कहना है कि उत्तराखंड में भाजपा जिन 23 विधानसभा सीटों पर हारी, उसके कारणों का पता लगाने के लिए विभिन्न नेताओं को पूर्व में जिम्मेदारी सौंपी गई थी। ये सभी रिपोर्ट अनुशासन समिति के सुपुर्द कर दी है। यदि कहीं भितरघात की पुष्टि होती है तो अनुशासन समिति की सिफारिश पर कारवाई की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!