पुरानी पेंशन बहाली को सरकार पर बनाएंगे दबाव
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बाहली संयुक्त मोर्चा की ओर से आयोजित की गई बैठक
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने का निर्णय लिया है। कहा कि लोकसभा चुनाव से पूर्व बड़े स्थल पर आंदोलन चलाए जाएंगे।
कोटद्वार जनपद पौड़ी इकाई की बैठक राजकीय इंटर कॉलेज कोटद्वार में आयोजित की गई। बैठक सरदार नरेश सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में पुरानी पेंशन बहाली हेतु लोकसभा चुनाव से पूर्व केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति तय की गई। वक्ताओं ने राज्यस्थान, बिहार, झारखंड, छतीसगढ़ व पश्चिमबंगाल सरकारों की तहर उत्तराखंड में भी पुरानी पेंशन बहाली के लिए योजना तैयार करने की मांग उठाई। राजकीय शिक्षक संघ के जिला मंत्री मनमोहन चौहान ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए अग्रिम कार्यक्रमों में शिक्षकों की पूर्णत: भागीदारी देने हेतु आस्वस्त किया। कहा कि पेंशन कार्मिको का मौलिक अधिकार है, इससे वंचित नहीं किया जा सकता। कर्मचारी शिक्षक संघ्ज्ञ के अध्यक्ष मुकेश रावत ने प्रत्येक विकास खण्ड और पंचायत स्तर पर आम कार्मिको को जागरूक करने की आवश्यकता को महसूस किया। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली के संंयुक्त मोर्चा के प्रांतीय सचिव विजेंद्र बिष्ट ने कहा कि मोर्चा पूरे देश मे एक मिशन पुरानी पेंशन बहाली के उद्देश्य से संघर्ष कर रहा है। उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्ट्रीयल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रांतीय संयुक्त मंत्री संतन रावत ने कहा कि जब एक दिन के विधायक और सांसद बनने पर पेंशन की ब्यवस्ता है तो कर्मचारियों को 35 या 40 साल की सेवा के बाद पुरानी पेंशन ब्यवस्ता से वंचित क्यों किया जा रहा है, उनके द्वारा कहा गया कि यदि एन.पी.एस ब्यवस्ता इतनी ही अच्छी है तो पहले सांसद, विधायक स्वयं लें। डॉ0 मनोज जोशी ने कहा कि एन.पी.एस प्रणाली को पूर्णत: बाजारीकरण पर निर्भर है आजकल शेयर बाजारों की स्थिति को देखते हुए भविष्य में कर्मचारियौ द्वारा जो अपना पैसा लगाया गया है वह भी न डूब जायजाएगा। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बाहली संयुक्त मोर्चा के महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कर्मचारियों से एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील की। इस मौके परितोष रावत, रवींद्र सिंह रावत, अखिलेश नेगी, पूर्ण सिंह नेगी, विनोद सिंह बिष्ट, दीपक पंत, हरीश जोशी, सतेंद्र रौतेला, देशबंधु पोखरियाल आदि मौजूद रहे।