कोटद्वार-पौड़ी

20 साल बाद भी नहीं मिला आंदोलनकारियों को हक, आंदोलनकारियों की मांगों को सदन में उठाने की मांग की 

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उत्तराखंड राज्य निर्माण सैनानी मोर्चा के अध्यक्ष महेन्द्र रावत सहित अन्य राज्य आन्दोलनकारियों ने चार सूत्रीय मांग पत्र पूर्व राज्यमंत्री जसवीर राणा के माध्यम से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को प्रेषित किया। उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से आंदोलनकारियों की मांगों को सदन में उठाने की मांग की है। महेद्र रावत ने राज्य आन्दोलनकारियों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत योग संरक्षण आरक्षण दिलवाने के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने की मांग की गयी है। वर्तमान सत्र में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पर फिर से विधेयक लाया जाए या सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर की जाए। जिससे आन्दोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिल सके।
राज्य निर्माण सैनानी मोर्चा के अध्यक्ष महेन्द्र रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को 22 साल की लंबी लड़ाई, त्याग, बलिदान, शहादत के बाद अलग राज्य के रूप में 9 नबम्बर 2000 को उत्तराखंड राज्य हासिल हुआ। उत्तराखंड राज्य बने 20 साल हो चुके है, लेकिन आज भी राज्य आंदोलनकारियों को उनका हक नहीं मिल सका है। पहले आंदोलनकारी 22 सालों तक राज्य निर्माण के लिए लड़े और राज्य निर्माण के बाद 20 सालों से अपने हकों के लिए जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं। इन्ही राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की बदौलत आज राजनीतिक दल रोटियां सेंक रहे है, लेकिन आंदोलनकारियों के त्याग, बलिदान, शहादत को भूल कर दरकिनार कर दिया गया है। इस अवसर पर पूर्व राज्यमंत्री जसवीर राणा ने सभी जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि जिन लोगों ने इस प्रदेश के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है उनको उपेक्षित नहीं रखा जाना चाहिए, उनको सम्मान मिलना चाहिए। पूर्व राज्य मंत्री ने कांग्रेस के विधायकों से भी राज्य आंदोनलकरियो की मांगों को सदन में उठाकर पूरा कराने में मदद करने की अपील की है।

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