श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में हो 25 प्रतिशत की वृद्धि

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देहरादून। भारतीय मजदूर संघ ने श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में 25 प्रतिशत वृद्धि किए जाने की मांग की। श्रम कानूनों का शत प्रतिशत लाभ सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिया। उपाध्यक्ष अजयकांत शर्मा ने कहा कि अभी तक श्रमिकों को मार्च 2024 में घोषित न्यूनतम वेतन में 25 प्रतिशत की वृद्धि का लाभ नहीं मिल पाया है। इसे जल्द से जल्द लागू कर लाभ दिया जाए। ताकि श्रमिकों को इसका आर्थिक लाभ मिल पाए। कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को 18000 रुपए मानदेय, सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से 50 लाख दुर्घटना बीमा और सेवानिवृत्ति पर 25 लाख की सहायता राशि देते हुए राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। आशा फेसिलिटेटरों को भी 24000 प्रतिमाह मानदेय मिले। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 18000 न्यूनतम मानदेय के साथ ही शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन अवकाश दिया जाए। 10 वर्ष से अधिक सेवा कर चुके संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए। इसमें एनएचएम कर्मचारियों को भी शामिल किया जाए। परिवहन निगम में महंगाई भत्ता अन्य निगमों के समान नहीं मिला है। ईपीएफ की पूरी कटौती नहीं हो रही है। कहा कि जल्द रोडवेज को 200 नई बसें उपलब्ध कराई जाएं। कहा कि राज्य की सरकारी चीनी मिलों में जब तक वेजबोर्ड का गठन नहीं हो जाता, तब तक वर्तमान वेतनमान दर से फरवरी 2025 से रुके हुए वेतन का भुगतान किया जाए। जीएमवीएन के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुरूप एसीपी का लाभ दिया जाए। नगर निकायों में कार्यरत पर्यावरण मित्रों को नियमित किया जाए। सफाई कर्मचारियों की सीधी भर्ती की जाए।

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