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योगी मंत्रिमंडल का विस्तार: एक कैबिनेट और छह राज्य मंत्री शामिल, पांच महीने की मशक्कत के बाद चुने गए ये सात चेहरे

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लखनऊ , एजेंसी। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का बहुप्रतिक्षित मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार रविवार शाम हो गया। योगी मंत्रिमंडल में एक कैबिनेट मंत्री और छह राज्य मंत्रियों के रूप में सात नए चेहरों को शामिल किया गया है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। बलरामपुर के विधायक पलटूराम, सोनभद्र के ओबरा से विधायक संजीव कुमार, गाजीपुर विधायक संगीता बिंद, मेरठ से विधायक दिनेश खटीक, आगरा से विधायक धर्मवीर प्रजापति और बरेली के बहेड़ी से विधायक छत्रपाल गंगवार को राज्यमंत्री के रूप शपथ ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा ने विधानसभा चुनाव-2022 में मिशन 350 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए विधान परिषद में सदस्यों के मनोनयन से लेकर मंत्रिमंडल विस्तार में अति पिछड़े, अति दलित वर्ग को प्रतिनिधित्व देकर सामाजिक समीकरण को साधा है।
प्रदेश में पंचायत चुनाव के बाद से ही योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें शुरू हो गई थीं। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक कई बार बैठकों का दौर चला। 23 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास पर हुई भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूद्गी में हुई भाजपा कोर कमेटी की बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार पर सहमति बनी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के रविवार को लखनऊ लौटने के बाद शाम को मंत्रिमंडल विस्तार का कार्यक्रम तय हो गया। रविवार शाम छह बजे राजभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ड़ दिनेश शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह की मौजूद्गी में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने एक कैबिनेट और छह राज्यमंत्रियों को शपथ ग्रहण कराई। मंत्रिमंडल विस्तार में सामाजिक समरसता और संतुलन का खास ध्यान रखा गया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के एक दिन बाद हुए मंत्रिमंडल विस्तार में दीनदयाल के अंत्योदय के सपनों को साकार करते हुए खटीक, बिंद, प्रजापति जैसे अति पिछड़े और अति दलित वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया गया है जिन्हें कभी अवसर नहीं मिला था।
योगी आदित्यनाथ ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी टीम में क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखा है। मंत्रिमंडल विस्तार में पश्चिमी यूपी के शाहजहांपुर, आगरा, मेरठ और बरेली से एक-एक मंत्री बनाया गया है। जबकि पूर्वांचल के गाजीपुर, सोनभद्र और अवध के बलरामपुर से एक मंत्री बनाया गया है।
प्रदेश सरकार के रविवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मंत्रिमंडल के 60 सदस्यों की संख्या पूरी हो गई। योगी सरकार में अब 24 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार, 27 राज्यमंत्री हैं।
योगी सरकार में मंत्रिमंडल का पहला विस्तार 22 अगस्त 2019 को हुआ था। उसय समय मंत्रिमंडल की सदस्य संख्या 56 हुई थीं। उसमें 25 कैबिनेट, 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 22 राज्यमंत्री थे। लेकिन बीते डेढ़ वर्ष में कोरोना संक्रमण से कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान, कमला रानी वरुण और राज्यमंत्री विजय कश्यप का निधन होने से तीन पद खाली हो गए थे।
योगी मंत्रिमंडल में चार महिला मंत्रियों की संख्या बरकरार रखी गई है। दिवंगत कमला रानी वरुण के निधन के बाद गाजीपुर विधायक ड़ संगीता बलवंद बिंद को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। नीमिला कटियार, स्वाति सिंह और गुलाबदेवी पहले से मंत्रिमंडल में शामिल हैं।

 

45 लाख गन्ना किसानों को योगी सरकार का तोहफा, गन्ना समर्थन मूल्य में 25 रुपये का इजाफा
लखनऊ , एजेंसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को सौगात दी है। सीएम ने घोषणा की है कि अब तक जो गन्ना 325 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा जाता था, वह अब 350 रुपये क्विंटल में खरीदा जाएगा। इसी तरह 315 रुपये प्रति क्विंटल वाले सामान्य प्रजाति के गन्ने की कीमत अब 340 रुपये ध्क्विंटल मिलेगी। यही नहीं, अनुपयुक्त माने जाने वाले करीब 01 फीसदी गन्ने के मूल्य में भी 25 रुपये ध्क्विंटल बढ़ोतरी की गई है। अब तक 305 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाने वाला अनुपयुक्त गन्ना भी अब 330 रुपये ध्क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने किसानों के बिजली बिल के बकाये पर ब्याज माफ करने की घोषणा की है।
सीएम योगी ने रविवार को लखनऊ स्थित डिफेन्स एक्सपो कार्यक्रम स्थल आयोजित किसान सम्मेलन में यह बड़ी घोषणाएं कीं। किसानों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं का आधार किसान और गरीब कल्याण है। गन्ना मूल्य बढ़ोतरी की बहुप्रतीक्षित आस पूरी करते हुए सीएम योगी ने कहा इससे प्रदेश के 45 लाख किसानों की आय में 08 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।
सपा-बसपा सरकारों के कार्यकाल में चीनी मिलों की बंदी की याद दिलाते हुए सीएम ने 2004 से 2014 तक के कार्यकाल को देश और प्रदेश के लिए अंधकार युग बताया। उन्होंने कहा कि तब यहां अराजकता और गुंडागर्दी का बोलबाला था। प्रदेश का किसान आत्महत्या को मजबूर था और गरीब भूख से मर रहा था। सपा शासन काल के मुजफ्फरनगर दंगों की याद दिलाते हुए योगी ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगे में मरने वाला अगर कोई था तो किसान था। किसानों के बेटे थे। हमारी सरकार में कोई दंगा नहीं हुआ। अगर किसी ने दंगा करने की कोशिश की तो उसकी 07 पीढ़ियां जुर्माना भरते-भरते खप जाएंगी। उत्साह से लबरेज किसानों से मुखातिब योगी ने विपक्ष से पूछा कि जब किसान आत्महत्या कर रहा था, तब सपा-बसपा और कांग्रेस के लोग कहां थेश्। सीएम ने कहा कि पिछली सरकारें किसानों के पेट पर लात मार रही थी। वहीं कांग्रेस की दुर्दशा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसानों से छल करने वाली कांग्रेस को जनता ने बोलने लायक नहीं छोड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोगों के गाय-भैंस गायब हो जाते थे, चोरी कर लिए जाते हैं। पर आज स्थिति बदल चुकी है।

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