कोटद्वार-पौड़ी

हाथ में कुदाल लेकर बाघ से भिड़ गया बुजुर्ग, बचाई जान

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

प्रखंड रिखणीखाल के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में नहीं थम रहा बाघ का आतंक
लगातार बढ़ रही बाघ की धमक से ग्रामीणों का घरों से बाहर निकलना भी हुआ मुश्किल
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : प्रखंड रिखणीखाल के अंतर्गत गाड़ियो पुल सहित भिन्न क्षेत्रों में बाघ का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। गुरुवार सुबह बाघ ने ग्रामसभा तोल्यूंडांडा के तोक ग्राम सिरोगाड में एक बुजुर्ग पर हमला कर दिया। बुजुर्ग ने अपने हाथ में पकड़े कुदाल से बाघ पर हमला कर स्वयं की रक्षा की। घायल बुजुर्ग को रिखणीखाल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए पहुंचाया। वहीं, गांव में लगातार बढ़ रही बाघ की धमक से ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। ग्रामीणों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है।
रिखणीखाल के गाड़ियों पुल व इसके आसपास के क्षेत्र में पिछले कई माह से बाघ का आतंक छाया हुआ है। 15 अप्रैल को बाघ ने ग्राम डल्ला के लड्वासैण तोक में बुजुर्ग वीरेंद्र सिंह को अपना निवाला बनाया था। घटना के बाद क्षेत्र में वन विभाग की विभिन्न टीमें तैनात कर दी गई। 25 अप्रैल को वन विभाग ने एक बाघ को ट्रैक्यूलाइज भी किया था। इसके बाद भी क्षेत्र में बाघ घूमते हुए नजर आ रहे थे। बाघ की लगातार सक्रियता के चलते क्षेत्रीय लोग भी सहमे हुए हैं। गुरुवार सुबह गाड़ियो पुल से करीब एक किलोमीटर आगे ग्रामसभा तोल्यूंडांडा के तोक ग्राम सिरोगाड में बाघ ने बुजुर्ग मनवर सिंह 65 पर हमला कर दिया। बुजुर्ग पर बाघ ने उस वक्त हमला किया जब वह गांव के समीप अपने खेत में काम कर रहे थे। बाघ के इस तरह से हमले के बाद भी मनवर सिंह ने हिम्मत नहीं हारी और हाथ में पकड़ी कुदाल से बाघ पर वार कर दिया। बाघ व मनवर सिंह के बीच करीब तीन मिनट तक गुत्थमगुत्था हुई। जिसके बाद बाघ जंगल की ओर लौट गया। बाघ ने मनवर सिंह के पैर पर दांत मार दिए। घटना के बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने घायल मनवर सिंह को लेकर राजकीय चिकित्सालय रिखणीखाल पहुंचे। चिकित्सालय के चिकित्सकों ने मनवर सिंह की स्थिति को सामान्य बताया है। प्रभागीय वनाधिकारी स्वप्निल अनिरूद्ध ने बताया कि गांव में वन विभाग की गश्त बढ़ा दी गई है। दोबारा इस तरह की घटना न हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

घर में कैद हुए ग्रामीण
रिखणीखाल प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत ग्रामसभाओं में लगातार हो रही बाघ के हमलों की घटनाओं से ग्रामीणों में खौफ बना हुआ है। ग्रामीणों का घरों से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है। सबसे अधिक खतरा बच्चे व बुजुर्गों को बना हुआ है। ग्रामीणों ने वन विभाग पर समस्या को लेकर लापरवाही बतरने का आरोप लगाया है। कहा कि वन विभाग को जल्द से जल्द ग्रामीणों को बाघ के आतंक से निजात दिलाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!