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भारत नेट फेज-2 की स्वीकृति से राज्य में नई दूरसंचार क्रांति: सीएम

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-उत्तराखंड की 5991 ग्राम पंचायतों में बिछेगा इंटरनेट का जाल, अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति
देहरादून। भारत नेट फेज -2 परियोजना में राज्य के 12 जनपदों (हरिद्वार जनपद में पूर्व में किया जा चुका है) के 65 ब्लॉक के अंतर्गत 5991 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट पहुचाया जाऐगा। मीडिया सेंटर, सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए लगभग 2 हजार करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी व दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में इंटरनेट पहुचने से विकास के एक नए युग आरंभ होगा व ग्रामीण अंचलों की अर्थ व्यवस्था को गति मिलेगी। केन्द्रीय दूरसंचार मंत्रालय अंतर्गत यूनीवर्सल सर्विसेज ऑबलीगेशन फंड द्वारा यह परियोजना वित्त पोषित है तथा भारत ब्रॉड बैंड नेटवर्क लिमिटेड द्वारा यह परियोजना दो चरणों में क्रियान्वित की जा रही है। उत्तराखंड राज्य में भारत नेट फेज-1 परियोजना का कार्य भारत ब्रॉड बैंड नेटवर्क लिमिटेड द्वारा स्वयं विभिन्न संस्थाओं जैसे ठैछस् व अन्य कंपनियों के माध्यम से कराया गया है। प्रथम चरण में 11 जनपदों के 25 ब्लॉक की 1865 ग्राम पंचायतों को जोड़ा जाना था। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद से व्यक्तिगत रूप से भेंट कर उत्तराखंड राज्य के लिए भारत नेट फेज -2 परियोजना परियोजना प्राथमिकता पर स्वीकृत किए जाने का अनुरोध किया था। दूरसंचार मंत्रालय द्वारा उत्तराखंड के लिए भारत नेट 2.0 परियोजना पर स्टेट लेड मॉडल के अन्तर्गत सहमति प्रदान कर दी गई है। राज्य के लिए भारत नेट फेज -2 परियोजना की लागत लगभग रु.2000 करोड़ है, तथा इसका क्रियान्वयन आई0टी0डी0ए0 के द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उक्त भारत नेट 2.0 परियोजना की क्रियान्वयन होने से राज्य में ई-गवर्नेस, ई-ऑफिस, ई-डिस्ट्रिक्ट, ई-हेल्थ, टेली मेडिसन, ई-एजुकेशन, ई-बैंकिंग, ई-नाम , इन्टरनेट और अन्य सुविधायें राज्य की जनता को प्राप्त होंगी जिससें उन्हें स्वावलम्बी बनने में न केवल सहायता प्राप्त होगी बल्कि स्वरोजगार के कई अवसर भी प्राप्त हो सकेंगे। जैसे ई-हेल्थ के माध्यम से दूरदराज ग्रामों में बैठे हुए प्रदेश की जनता सीधे अस्पतालों से जुड़कर अपना ईलाज करा सकेंगे, विद्यार्थी घर बैठ कर पढाई कर सकत हैं,े बिना बैंक में गये बैंक की सुविधा प्राप्त कर सकते है, किसान भाईयों को फसलों के सम्बन्ध में दवाओं के सम्बन्ध में भण्डारण के सम्बन्ध में तथा फसल मूल्य के सम्बन्ध में भी जानकारी प्राप्त हो सकेंगी। किसान भाई अपनी फसलों एवं कृषि उत्पादों को ई-नाम के माध्यम से अपने गांव से भी ऑनलाइन बेच सकेंगे। छोटे-छोटे व्यवसायी भी अपने व्यवसाय के सम्बन्ध में यथा ई-मार्केटिंग आदि के सम्बन्ध में जानकारी हासिल करते हुए ई-मार्केटिंग कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने विगत 3 वर्षो में उत्तराखण्ड में सूचना प्रौधोगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। सी0एम0 डेश बोर्ड इसके द्वारा राज्य के प्राथिमिकता के कार्यक्रमों की समीक्षा यथा उनकी वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा जनपद स्तर से लेकर मुख्यमंत्री के कार्यालय तक की जाती है। राज्य के पहले स्टेट डाटा सेन्टर का निर्माण किया गया। जिससें सभी विभागों के डाटा को राज्य में संरक्षित किया जा सकता है। ड्रोन के क्षेत्र में भी राज्य में काफी प्रगति की गयी है, प्रत्येक वर्ष यह न केवल दो फेस्टिवल का सफल आयोजन किया जा रहा है वहीं छात्रों आदि को ड्रोन से सम्बन्धित प्रशिक्षण भी दिया जाता है, जिससें वह रोजगार के नये अवसर प्राप्त कर सकते है। प्रदेश में किसी भी प्रदेश सरकार के द्वारा बनाया गया यह पहला ड्रोन सेन्टर है। ड्रोन के माध्यम से आपदा के समय आपदा राहत कार्यो में भी तेजी आयेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉमन सर्विस सेन्टर कतिपय महत्तपूर्ण नागरिक सेवायें यथा वित्तीय शिक्षा, स्किल्ड डवलपमेन्ट, स्वास्थ्य, कृषि आदि कॉमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से नागरिको दी जा रही है, वर्तमान में लगभग 8350 सी0एस0सी0 केन्द्र संचालित है परन्तु सभी ग्राम पंचायतेध्ग्रामों डाटा नेटवर्क न होने के कारण यथा हाई स्पीड इन्टर नेट से न जुड़े होने के कारण उक्त सुविधायें त्रुटिहिन तरीके से दिये जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, परन्तु भारत नेट 2.0 परियोजना के क्रियान्वयन के उपरान्त उक्त सुविधा प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों, ग्रामों को प्राप्त हो सकेंगी। राज्य सरकार के द्वारा ई-गर्वेनेस के अन्तर्गत कई अन्य ऐसे कदम उठाये गये है, जिसका सीधा लाभ जनता को प्राप्त हो रहा है, जैसे कॉमर्सियल टैक्स, लेंड रिकार्ड, पुलिस(सी0सी0टी0एन0एस0), रोड़ ट्रांसपोर्ट, ट्रेजरी कम्प्यूटराइजेशन, पी0डी0एस0, ई-कोर्ट, ई-प्रोक्योरमेन्ट, ई-डिजिटल लॉकर, ई-विधान आदि जैसे डिजिटल लॉकर के माध्यम से जितने भी प्रमाण-पत्र है, वो ईलैक्ट्रोनिक माध्यम से अपने ईलैक्ट्रोनिक डाक्यूमेन्ट अपने मोबाईल मे रख सकता है, जैसे आधार कार्ड,शैक्षिण प्रमाण-पत्र, ड्राईविंग लाईसेंस, आदि। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत नेट 2.0 के माध्यम से दूरदराज के गांव भी डिजिटल गांव बन सकेंगे और उत्तराखण्ड राज्य को पूर्ण रूप से डिजिटल उत्तराखण्ड बनाने का हमारी सरकार का उद्देश्य साकार होगा। प्रेस वार्ता में भाजपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष विनय गोयल, मा. मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त, निदेशक आई.टी.डी.ए. अमित सिन्हा, अपर सचिव आई.टी विजय कुमार यादव, वित्त नियंत्रक आई.टी. मनीष उप्रेती भी उपस्थित थे।

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