बीमा कंपनी को पैसे लौटाने के आदेश
हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने लोन के बहाने पॉलिसी कराने के मामले में बीमा कंपनी और उसके एजेंट को सेवा में कमी व लापरवाही बरतने का दोषी पाया है। आयोग ने जमा कराई गई धनराशि एक लाख 18 हजार रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से, क्षतिपूर्ति और शिकायत खर्च के रूप में दस हजार रुपये शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं। शिकायतकर्ता अनिरुद्ध प्रसाद नौटियाल पुत्र देवेंद्र दत्त निवासी ब्रह्मपुरी हरिद्वार ने सहायक प्रबंधक भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड रानीपुर मोड़, हेड ऑफिस मुंबई और एजेंट ऋचा शर्मा वन सर्व कैपिटल एडवाइजरी राजस्थान के खिलाफ शिकायत दायर की थी। शिकायतकर्ता की एक पॉलिसी बीमा कंपनी में पूर्व से चली आ रही थी। लेकिन एजेंट ने शिकायतकर्ता के मोबाइल का दुरुपयोग करते हुए उससे लोन देने के लिए संपर्क किया था। शिकायतकर्ता को लोन की जरूरत थी। जिसपर शिकायतकर्ता एजेंट के बताए अनुसार स्थानीय बीमा कम्पनी के यहां गया था। उन्होंने शिकायतकर्ता को जल्द ही लोन दिलाने के लिए एक लाख 18 हजार रुपये का चेक सिक्योरिटी के रूप में जमा करने के लिए कहा। बीमा कंपनी ने उस चेक को कैश भी करा लिया था। थोड़े दिन बाद शिकायतकर्ता को बताया कि आपकी बीमा पॉलिसी कर दी गई है। जबकि शिकायतकर्ता ने लोन के लिए आवेदन किया था। शिकायतकर्ता के कई बार आग्रह करने के बाद भी सभी ने पॉलिसी निरस्त नहीं की। यही नहीं, तीनों ने उसे कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया था। शिकायतकर्ता ने सभी के खिलाफ आयोग की शरण ली थी।