उत्तराखंड

कुमाऊं की उपेक्षा कर रहे है भाजपा की केंद्र सरकार: टम्टा

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अल्मोड़ा। राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने केंद्र सरकार पर उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र की खुले उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में चल रहे केंद्रीय परियोजनाओं में कुमाऊं को शामिल नहीं किया गया है। टम्टा ने कहा कि कुमाऊं में सेटेलाइट एम्स नहीं बल्कि पर्वतीय क्षेत्र में स्थायी एम्स र्केपस की स्थापना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम दूसरे आखिर हम दूसरे के प्रकाश से नहीं खुद अपने प्रकाश से आलौकित हों। टम्टा मंगलवार को यहां पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। इस मौके पर पूर्व विधान सभाध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी अपनी बात साझा की। उन्होंने सरकार से विशेष तौर पर आपदा के नियमों में धरातल की जरुरत के हिसाब से परिवर्तन करने की मांग की। टम्टा ने कहा कि आपदा के बाद गृहमंत्री दस दिन के भीतर प्रदेश के दो बार दौरा कर चुके हैं। लेकिन उन्होंने राहत के नाम पर कोई घोषणा नहीं की। दूसरे दौरे में राजनैतिक रैली में आधा समय पीएम मोदी का गुणगान व शेष कांग्रेस के चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष पूर्व सीएम हरीश रावत पर हमला करने में लगाया। टम्टा ने कहा कि केंद्र सरकार ने नमामि गंगे परियोजना में कुमाऊं को शामिल नहीं किया। जबकि यहां की नदियां भी गंगा में समाहित होती हैं। अलवेदर रोड योजना से भी क्षेत्र को वंचित किया गया है। रेल मार्ग को लेकराषिकेश से कर्णप्रयाग में काम हुआ लेकिन टनकपुर बागेश्वर व जौलजीवी पर सरकार मौन है। टम्टा ने कहा कि कांग्रेस के शुरू हुई मनरेगा आज आपदा में सहयोगी साबित हो रही है लेकिन केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को पिछले तीन महीने से बजट नहीं दिया है। श्रमिकों का भुगतान रुका हुआ है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी एक बार फिर उत्तराखंड आ रहे है। हमारी मांग है कि वह उत्तराखंड को दिया गया विशेष राज्य का दर्जा वापस करने की घोषणा करें। टम्टा ने पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के टिकट में महिलाओं को आरक्षण देने की बात का भी समर्थन किया।

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