उत्तराखंड

अंतरराष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लायक नहीं चीन

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-चीन में विंटर ओलंपिक की मेजबानी के खिलाफ दून में प्रदर्शन
देहरादून। चीन के बीजिंग में विंटर ओलंपिक की मेजबानी के खिलाफ दून में रह रहे तिब्बती नागरिकों ने दून में पोस्टर र्केपेन की शुरुआत कर विरोध प्रदर्शन किया। बारिश के बावजूद तिब्बती शरणार्थी लैंसडाउन चौक स्थित तिब्बतन मार्केट में इकट्ठा हुए और लोगों को तिब्बत में चीन द्वारा किए जा रहे हैं मानव अधिकार उल्लंघन के बारे में जानकारी दी।
रीजनल तिब्बतन यूथ कांग्रेस व रीजनल तिब्बतन वूमेन कांग्रेस द्वारा आयोजित इस पोस्टर र्केपेन में कहा गया कि चीन अंतरराष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लायक नहीं है। विश्व समुदाय को चीन को इस तरह की मेजबानी सौंपने के फैसले पर दोबारा से विचार करना चाहिए। ओलंपिक खेलों का गौरव है, खिलाड़ियों के लिए ऐसा अवसर है, जहां वह निष्पक्ष एवं मैत्रीपूर्ण तरीके से अपने देश का प्रतिनिधित्व कर सकता है। चीन लंबे समय से शत्रुता पूर्ण व्यवहार दूसरे देश पर कब्जा करने की नियत व विस्तार वादी नीति के तहत दुनिया भर के देशों के नजरों में खटक रहा है। कोविड-19 की असली वजह भी चीन ही है। ऐसे में चीन में विंटर ओलंपिक का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। बीजिंग ओलंपिक शुरू होने से 1 महीने पहले चीन सरकार ने तिब्बत में 99 फुट की बुद्घ प्रतिमा को जबरदस्ती ध्वस्त कर दिया, 45 प्रार्थना चक्रों को जला दिया। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कट्टर नीतियां व गैर मानवीय व्यवहार को विश्व समुदाय नकार चुका है। चीन ने हाल ही में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों से हुई झड़प में शामिल सैनिक के हाथ शीतकालीन ओलंपिक की मशाल थमाई। यह बहुत ही चौंकाने वाला व चिंता बढ़ाने वाला कदम है। जिसका सभी तिब्बती नागरिक विरोध करते हैं। प्रदर्शन में खराब मौसम के बावजूद काफी तिब्बती नागरिक पहुंचे और अपनी बात को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया।

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