उत्तराखंड

केदारनाथ में संचार तंत्र मजबूत नहीं, यात्रियों को उठानी पड़ रही परेशानी

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रुद्रप्रयाग : केदारनाथ धाम में वर्ष 2013 की आपदा के बाद भले ही सुरक्षा के कई प्रयास हुए हैं और वर्तमान में केदारपुरी को पूरी तरह सुरक्षित बना दिया गया हो किंतु 11 सालों में भी यहां संचार तंत्र को मजबूत नहीं किया गया है। आलम यह है कि विपत्ति के समय यहां सम्पर्क करना हर किसी के लिए मुश्किल हो जाता है। यहां तक कि स्वयं प्रशासन, पुलिस और अन्य एजेंसियों को भी केदारनाथ सम्पर्क करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक 16 किमी. पैदल मार्ग में संचार सेवा हमेशा ही सबके लिए मुसीबत बनी रहती है। भले ही अन्य दिनों यहां बेहतर नेटवर्क रहा हो किंतु जब सम्पर्क की सबसे ज्यादा जरूरत हो तब यहां नेटवर्क की समस्या हर किसी को परेशान करती है। बीती रात आपदा के बाद गौरीकुंड से केदारनाथ तक मोबाइल सम्पर्क नहीं हो सका। जिससे केदारपुरी और पैदल मार्ग की सही जानकारी मिलने में काफी देर हुई। केदारनाथ धाम में लोगों से सम्पर्क नहीं हो सका। जिन लोगों के अपने केदारनाथ में हैं उन्हें भी अपनों की खबर पाने के लिए मुश्किलें उठानी पड़ी। केदारनाथ धाम में बीएसएनएल के अलावा कुछ निजी कम्पनियां मोबाइल सेवा दे रही हैं किंतु सरकार को चाहिए कि केदारनाथ में एक मजबूत संचार तंत्र विकसित किया जाए ताकि मुश्किल क्षण में केदारपुरी से लेकर गौरीकुंड तक आसानी से सम्पर्क हो और पल-पल की जानकारी मिलती रहे। गुरुवार को भी दोपहर तक केदारनाथ धाम में सम्पर्क नहीं हो सका। हालांकि पुलिस और प्रशासन का कहना है कि केदारनाथ में सबकुछ कुशल है। बादल फटने की घटना भीमबली के नजदीक हुई है। (एजेंसी)

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