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पार्षदों ने कुर्सियां देंकी, हाथापाई भी की

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नई दिल्ली, एजेंसी। आज दिल्ली में मेयर चुनाव के दौरान जमकर हंगामा हुआ। सदन में पीठासीन अधिकारी ने जैसे ही मनोनीत सदस्यों को शपथ ग्रहण कराना शुरू किया, हंगामा हो गया। आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। विवाद इतना बढ़ गया कि पार्षदों के बीच हाथापाई शुरू हो गई। कई पार्षद एक-दूसरे पर कुर्सियां देंकते नजर आए। भाजपा ने आम आदमी पार्टी के पार्षदों पर मारपीट का आरोप लगाया है। दावा है कि कई पार्षदों को चोट भी लगी है। बढ़ते हंगामे को देखते हुए पीठासीन अधिकारी ने चुनाव टाल दिया। अब मेयर चुनाव के लिए उपराज्यपाल फिर से कोई तिथि घोषित करेंगे। आइए दस बिंदुओं में समझते हैं कि आज दिनभर क्या-क्या हुआ और आगे क्या होने के आसार हैं?
पांच जनवरी को दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की तरफ से 10 पार्षदों को मनोनीत किया गया था। मनोनीत किए गए पार्षदों में विनोद कुमार, लक्ष्मण आर्य, मुकेश मान, महेश सिंह तोमर, राजकुमार भाटिया, मोहन गोयल, संजय त्यागी, राजपाल राणा, कमल जीत सिंह और रोहताश कुमार शामिल हैं। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि ये सभी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं।
आम आदमी पार्टी ने पार्षद शैली ओबेरय को मेयर प्रत्याशी बनाया है जबकि भाजपा की ओर से रेखा गुप्ता मैदान में हैं। उपमहापौर पद के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने आले मोहम्मद इकबाल और भाजपा ने कमल बागड़ी को उम्मीदवार बनाया है।
मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव से कांग्रेस ने दूर रहने का फैसला लिया था। दिल्ली नगर निगम चुनाव में इस बार कांग्रेस के नौ प्रत्याशियों को जीत मिली थी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने गुरुवार को ही इसका एलान कर दिया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस पार्टी को जनता का समर्थन प्राप्त नहीं हुआ जिसका सम्मान करते हुए कांग्रेस पार्टी ने मेयर, डिप्टी मेयर और स्थाई समिति के सदस्यों की वोटिंग से दूर रहने का फैसला लिया है।
आज मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होना था। इससे पहले उपराज्यपाल की ओर से मनोनीत पीठासीन अधिकारी द्वारा सभी पार्षदों को शपथ दिलाई जानी थी। पीठासीन अधिकारी ने सबसे पहले मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए बुलाया। इसी बात से नाराज होकर आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया।
आम आदमी पार्टी और भाजपा पार्षदों के बीच गहमा-गहमी इतनी तेज हो गई कि दोनों पार्टियों के पार्षदों के बीच लात-घूंसे चलने लगे। पार्षद एक-दूसरे पर कुर्सियां देंकने लगे। जमकर हाथापाई भी हुई। सदन में जबरदस्त हंगामें के कारण शपथ दिलाने की प्रक्रिया को रोक दिया गया। केवल चार ही मनोनीत पार्षदों को शपथ दिलाई जा सकी। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थिगित हो गई।
सदन फिर से शुरू हुआ तो फिर से दोनों पार्टियों के पार्षदों ने हंगामा कर दिया। विवाद इतना बढ़ गया कि पीठासीन अधिकारी ने चुनाव टालने का एलान कर दिया। अब मेयर और डिप्टी मेयर पद के चुनाव के लिए अगली तिथि उपराज्यपाल घोषित करेंगे।
आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह का आरोप है कि उपराज्यपाल ने नियमों के खिलाफ जाकर पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया। परंपरा के अनुसार सदन में बहुमत प्राप्त दल से ही पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया जाता है, लेकिन भाजपा ने उपराज्यपाल के माध्यम से अपना पीठासीन अधिकारी नियुक्त करवा दिया। आरोप लगाया कि इनके माध्यम से परंपरा से उलट जाकर निर्वाचित सदस्यों से पहले मनोनीत सदस्यों को शपथ ग्रहण करवाया गया। संजय सिंह ने ये भी आरोप लगाया कि भाजपा नियमों में बदलाव कर मनोनीत सदस्यों को भी मेयर पद के लिए वोटिंग में मतदान का अधिकार देना चाहती है। आप सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था को तोड़ने की कोशिश है जिसे स्वीकार नहीं किया जायेगा।
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि अरविंद केजरीवाल सत्ता में आने के समय ही स्वयं को अराजक बताया था। आज जिस तरह से नगर निगम में आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने भाजपा के नेताओं के साथ हाथापाई-मारपीट की, उससे यह साबित हो गया है कि आम आदमी सही में एक अराजक पार्टी है और उनका लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई विश्वास नहीं है। लेखी ने कहा कि नगर निगम के संदर्भ में राज्य सरकार के पास कोई अधिकार नहीं है। पूरा सदन स्वयं में स्वतंत्र निकाय है और वह निर्धारित नियमों के आधार पर चलता है। लेकिन एक पीठासीन अधिकारी को नियमों के अनुसार काम न करने देकर आम आदमी पार्टी में अपनी अराजक छवि को पुष्ट किया है।
भाजपा नेता मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों में कई शराब के नशे में थे। वे ब्लेड जैसी धारदार हथियार लेकर सदन में आये थे, जिससे उन्होंने भाजपा नेताओं पर हमला किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के पार्षद मेयर की कुर्सी पर चढ़कर लोकतांत्रिक व्यवस्था को अपमानित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता ने इसके पहले चीफ सेक्रेटरी को पीट चुके हैं, उनके नेता ताहिर हुसैन आपराधिक घटनाओं में लिप्त हैं और इसके लिए वे इस समय भी जेल में है। आम आदमी पार्टी के नेताओं की आज की हरकत बताती है कि उस पार्टी में सभी नेता इसी तरह आपराधिक छवि के हैं।

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