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वित्त वर्ष 2024 के लिए अभी से करें निवेश की प्लानिंग, नई कर व्यवस्था में भी बचा पाएंगे पैसे

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नई दिल्ली, एजेंसी। बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई घोषणाओं के साथ नई कर व्यवस्था (ठी६ ळं७ फीॠ्रेी) की घोषणा भी की थी। ये व्यवस्था वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू हो गई है और इसे डिफॉल्ट रूप से लाया जा रहा है।
इसलिए, जरूरी है कि साल के अंत में टैक्स का भुगतान कम करने के लिए अभी से ही निवेश की सही प्लानिंग की जाए। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिससे नए साल में भी निवेशक टैक्स बचत कर सके।
नई कर व्यवस्था का लाभ लेने के लिए शुरुआत से ही विभिन्न निवेश योजनाओं के लिए प्लान शुरू कर दें। इससे टैक्स बचाने के साथ-साथ अच्छे रिटर्न का फायदा भी मिलता है। करदाता सार्वजनिक भविष्य निधि , इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम राष्ट्रीय पेंशन योजना के विकल्प का चुनाव कर सकते हैं।
वैसे तो नई कर व्यवस्था के तहत मानक कटौती को छोड़कर किसी भी तरह की कर कटौती को शामिल नहीं किया जा रहा है। फिर भी ढढा, एछरर, ठढर जैसे निवेश विकल्पों का लाभ आयकर की धारा 80उ के तहत उठाया जा सकता है, जो अधिकतम 1.50 लाख रुपये है। इस कारण किसी भी योजना में निवेश करने से पहले यह जरूर देख लें कि इस धारा क लाभ मिल रहा है या नहीं।
किसी भी तरह के दंड या ब्याज भुगतान से बचने के लिए यह जरूरी है कि करदाता अपना टैक्स रिटर्न समय पर फाइल करें। जानकारी के लिए बता दें कि किसी भी व्यक्ति के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई होती है।
किसी भी तरह की टैक्स व्यवस्था को चुनने से पहले इस बात का जरूर ध्यान रखें कि किससे करदाता को ज्यादा लाभ होने वाला वाला है। उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ति के ज्यादा निवेश नहीं है तो इस स्थिति में नई कर व्यवस्था में जाना सही माना गया है, क्योंकि इसमें 5 लाख तक की आय में किसी भी तरह का कोई कर भुगतान नहीं करना होगा।
दूसरी तरफ, अगर किसी करदाता के पास होम लोन, एजुकेशन लोन, जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा जैसे खर्चे हैं तो उसके लिए पुरानी कर व्यवस्था में रखना ही सही है, क्योंकि इसमें करदाता को 80उ, 80उउऊ, मानक कटौती जैसी बहुत-सी कर छूट मिलती है।

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