कार्यशाला में सेवा के अधिकार का लाभ जनता को देने पर जोर
नई टिहरी। उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग के आयुक्त बीएस मनराल की अध्यक्षता में जिला सभागार में सेवा का अधिकार अधिनियम, 2011 तथा अधिसूचित सेवाओं से संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्याशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में आयुक्त ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखण्ड सेवा अधिकार अधिनियम के तहत 37 विभागों की 409 सेवाएं अधिसूचित की गई है, जो नागरिकों को मुहैया कराई जा रही है। सभी संबंधित पदाभिहित अधिकारी व अपीलीय प्राधिकारी अपने दायित्वों को समझते हुए अधिसूचित सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर समयान्तर्गत नागरिकों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अधिसूचित सेवाओं को नागरिकों को समय से उपलब्ध कराकर उनकी समस्यों का निस्तारण करना राज्य, जिला प्रशासन एवं विभागों का प्राथमिक दायित्व है। कहा कि अधिसूचित सेवाओं और समय सीमा को विभागों द्वारा ही निर्धारित किया गया, यदि कुछ संशोधन करने की आवश्यकता है, तो उच्च स्तर पर भेजना सुनिश्चित करें। यदि किसी सेवा को निरस्त किया जा रहा है, तो उसका ठोस कारण देते हुए लिखित में देते हुए प्राप्ति रसीद प्राप्त करना सुनिश्चित करें। कहा कि आयोग द्वारा सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत स्वत: संज्ञान भी लिया जाता है। उप सचिव उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग सुन्दर लाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम, 2011, अधिसूचित सेवाओं, आवेदन प्रक्रियाओं, पदाभिहित अधिकारियों एवं अपीलीय प्राधिकारियों के उत्तरदायित्वों, समय सीमा, शास्तियां, सूचना पट्ट, बोर्ड स्थापित सूचना, पंजिकाओं का रख-रखाव, पत्रावालियों का रख-रखाव, सेवा के अधिकार के तहत प्रेषित की जाने वाली रिपोर्ट के निर्धारित प्रारूप, स्थायी गार्ड फाइल, अनलाइन-अफलाइन दी जाने वाली सेवाओं आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कहा कि सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत समय सीमा कार्यदिवस के आधार पर निर्धारित की गई है।डीएम डा सौरभ गहरवार ने सम्बंधित अधिकारियों को सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत मासिक रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप पर 3 तारीख तक अनिवार्य रूप से जिलाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा। प्रशिक्षण कार्यशाला में सीडीओ मनीष कुमार, एडीएम रामजी शरण शर्मा, डीडीओ सुनील कुमार,नरेन्द्रनगर देवेन्द्र नेगी, धनोल्टी लक्ष्मीराज चौहान, प्रतापनगर प्रेमलाल सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे।