कोटद्वार-पौड़ी

वन विभाग की पहल: आम, जामुन, कटहल खाओ गुठली दे जाओ

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। यदि आप पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देना चाहते है तो वन विभाग ने आपके लिए अच्छी पहल की है। जिसमें शामिल होकर आप पर्यावरण की सेवा कर सकते है। दरअसल वन विभाग ने जंगलों में आम, जामुन, कटहल आदि प्रजाति के वृक्षों को बढ़ावा देने की पहल शुरू की है। यदि आप इन फलों को खाने के शौकीन है तो इनकी गुठलियों को संभाल कर रखे। आप गुठलियों से वन विभाग की पहल को अमलीजामा पहनाने में अपना योगदान दे सकते है।
वर्तमान में जगंलों में आम, जामुन, कटहल सहित अन्य फलदार वृक्षों की संख्या बहुत कम हो गई है। जंगलों में फल न होने से जंगली जानवर आवासीय बस्तियों की ओर रूख कर रहे है। बंदर, लंगूृर सहित अन्य जंगली जानवर आवासीय बस्तियों में घुसकर किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा रहे है। कोटद्वार नगर निगम में भी यह समस्या काफी समय से बनी हुई है। आलम यह है कि लोग बंदरों के डर के कारण छतों में कपड़े सूखाने से भी कतरा रहे है। स्थानीय लोग वन विभाग से कई बार शिकायत कर जंगली जानवरों के आंतक से निजात दिलाने की गुहार लगा चुके है। वन विभाग भी समय-समय पर अभियान चलाकर बंदरों को पकड़ता है, फिर भी कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में बंदरों की समस्या खत्म नहीं हो रही है। लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ दीपक कुमार ने बताया कि बंदर, लंगूर सहित अन्य जंगली जानवरों को खाने के लिए जंगल में पर्याप्त मात्रा में फल नहीं मिल पाते है। जिस कारण वह बस्तियों की ओर रूख करते है। वर्तमान में आम, जामुन, कटहल आदि की फसल तैयार है। कोटद्वार भाबर में यह फसल बहुत अधिक मात्रा में की जाती है। उन्होंने कहा कि इन फलों की गुठलियों को एकत्रित कर जंगल में रोपा जा सकता है। ताकि जंगल में आम, जामुन और कटहल के पेड़ों की संख्या अधिक होने से बंदर, लंगूर सहित अन्य जानवरों को जंगल में ही खाने को फल मिल जायेगें तो वह आवसीय बस्तियों की ओर नहीं आयेगें। डीएफओ ने कहा कि इस बार हरेला पर्व के दौरान आम, जामुन और कटहल की गुठलियों को जंगल में रोपने का निर्णय लिया गया है। जनता के सहयोग से ही इस मुहिम को सफल बनाया जा सकता है। उन्होंने लोगों से आम, जामुन और कटहल की गुठलियों को एकत्रित कर वन विभाग के कोटद्वार रेंज कार्यालय में उपलब्ध कराने की अपील की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!