उत्तराखंड

चीनी मिलों का ब्रेक डाउन हुआ तो कटेगा जीएम और मुख्य अभियंता का वेतनरू गन्ना मंत्री

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रुद्रपुर। रुद्रपुर में गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा ने गन्ना किसान संवाद कार्यक्रम में किसानों की समस्याएं सुनने के बाद कहा कि अगर चीनी मिलों में ब्रेक डाउन हुआ था तो इसके लिए जिम्मेदार मिल के जीएम और मुख्य अभियंता होंगे। ऐसे होने पर दोनों अधिकारियों के वेतन को काटा जाएगा। इसके अलावा अधिकारियों ने उत्साहित होकर मिलों में काम नहीं किया और कोई दिक्कत आयी तो वे सस्पेंड करने में भी एक मिनट की चूक नहीं करेंगे। इस दौरान गन्ना मंत्री ने पर्ची का कुंतल 50 से 55 किए जाने की घोषणा भी की। मंगलवार को गन्ना मंत्री विकास भवन सभागार में गन्ना किसान संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य की चीनी मिले वर्षों पुरानी हैं। राज्य की सभी पांचों चीनी मिलों को आधुनिक बनाने के लिए जल्द ही वे वित्तमंत्री से मुलाकात करेंगे इसके बाद मिलों को आधुनिक बनाने का प्रयास किया जाएगा। इससे पेराई सत्र के दौरान चीनी मिलों में ब्रेक नहीं लगेगा। उन्होंने चीनी मिलों के जीएम और अन्य अधिकारियों को दिए निर्देश दिए कि वे अक्टूबर माह तक हर हाल में मिलों को रनअप कर लें। ताकि ब्रेक डाउन की स्थिति न आए। उन्होंने किसानों से कहा कि नकारात्मक सोच के साथ आगे नहीं बढ़ा जा सकता है। मिलों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सकारात्मक स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि मिल चलाने का दायित्व सिर्फ सरकार का नहीं है। इसके लिए सरकार के साथ किसानों को भी साथ देना होगा। उन्होंने कहा कि पहली बार सरकार ने जुलाई माह तक 140 करोड़ का बजट गन्ना किसानों को किया है। पहले यह अक्टूबर-नवंबर माह तक होता था। उन्होंने कहा कि 2017 में सितारगंज चीनी मिल बंद हुई थी इसका दुख उन्हें भी हुआ। लेकिन सकारात्मक प्रयासों से वर्ष 2021 में इसे चालू किया गया और साढ़े सात कुंतल गन्ने की पैराई हुई। उन्होंने कहा कि इस बार 12 लाख कुंतल गन्ने की पेराई का लक्ष्य रखा है। इस दौरान उन्होंने सात प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया।

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