Uncategorized

कोविड जांच में पहाड़ी जिलों की उपेक्षा, देहरादून समेत दो जिलों पर फोकस

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

देहरादून। कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए उसकी अधिक से अधिक जांच की जरूरत महसूस की जा रही है, लेकिन उत्तराखंड में कोरोना जांच के मामले में पर्वतीय जिलों की उपेक्षा की जा रही है। जितनी कोरोना जांचें 11 पर्वतीय जिलों में हुई हैं, उससे ज्यादा जांचें सिर्फ देहरादून और हरिद्वार में ही की गई हैं। राज्य में सबसे कम जांच रुद्रप्रयाग और सबसे अधिक जांचें हरिद्वार में हुई हैं। इस बार कोरोना ने गांव-गांव तक पांव पसारे हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने गांव के दूरस्थ इलाकों में जाकर कोरोना की जांच का दवा किया है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बता रहे हैं कि 11 पर्वतीय जिलों में अभी तक 23,25,555 लोगों की कोरोना जांच हुई है।
वहीं राज्य की राजधानी देहरादून व हरिद्वार में 11 जिलों से ज्यादा 23,71,688 जांचें हुई हैं। हैरानी की बात यह भी है कि अकेले हरिद्वार जिले में सबसे ज्यादा 14,36,370 जांचें हुई हैं। जबकि राज्य के ज्यादातर पर्वतीय जिलों में मात्र डेढ़ लाख के करीब कोरोना जांचें हुई हैं। पर्वतीय जिलों मे पौड़ी गढ़वाल में सबसे ज्यादा 2,37,403 और सबसे कम 94,576 रुद्रप्रयाग जिले में जांच हुई हैं। मामले में समाजसेवी प्रेम बेलवाल का कहना है कि एक तरफ पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत खस्ता है, वहीं सैंपलिंग भी कम हो रही है। ऐसे में कोरोना पर अंकुश लगाना मुश्किल होगा।
कोरोना मरीजों का इलाज का मामला हो या फिर कोरोना की जांच, सरकार का फोकस मैदानी जिलों पर ही है। मैदानी जिलों में सबसे ज्यादा जांचें क्रमश: हरिद्वार, देहरादून, यूएस नगर और नैनीताल में हुई हैं। कोरोना लैब की जांच हो या फिर कोरोना के अस्पताल इन मामलों में भी यही जिले सबसे आगे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!