..तो नक्शे की छूट की आड़ में कोटद्वार नगर में धड़ल्ले से हो रहे अवैध निर्माण
-कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में नहीं लग पा रही है अवैध निर्माणों पर रोक
-जिला विकास प्राधिकरण व नगर निगम ताक रहे हैं एक दूसरे का मुंह
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में जिला विकास प्राधिकरण को सरकार द्वारा स्थगित करने के बाद धड़ल्ले से अवैध भवन निर्माणों की बाढ़ आ गई है। ताज्जुब की बात यह है कि इन अवैध निर्माणों पर नजर रखने के लिए अधिकृत जिला विकास प्राधिकरण व नगर निगम कार्रवाई के लिये एक दूसरे का मुंह ताक रहे हैं। जिसका खामियाजा कोटद्वार की जनता को अक्रिमण के रूप में भुगतना पड़ रहा है। सूत्रों का कहना है कि यह अवैध निर्माण सरकार की भवन मानचित्र को लेकर दी गई छूट की आड़ में किए जा रहे हैं। हालांकि कोटद्वार में इस तरह की अराजकता से जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
48 वर्ग किलोमीटर में फैले कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में 40 वार्ड हैं। वर्ष 2017 में शासन ने प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर जिला प्राधिकरण लागू किया। प्राधिकरण लागू होने के बाद कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत तमाम आवासीय और गैर आवासीय भवनों के निर्माण को नक्शा पास कराना जरूरी हो गया। हालांकि, आमजन ने इसका विरोध किया तो शासन ने नक्शा पास करवाने की बाध्यता को समाप्त कर दिया। शासन ने स्पष्ट किया कि जो भी नक्शा पास करवाना चाहते हैं वह करवा सकते हैं अथवा बिना नक्शा पास किए भी भवन निर्माण किया जा सकता है। शासन द्वारा दी गई इस छूट का कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में धड़ल्ले से दुरुपयोग किया जा रहा है। दरअसल, किसी भी भवन के निर्माण में नक्शे के अलावा अन्य पहलू भी अहम होते हैं जो यह बताते हैं कि भवन का निर्माण वैध तरीके से किया जा रहा है या अवैध तरीके से। लेकिन, कोटद्वार में जिम्मेदार अधिकारी इन अन्य पहलुओं की ओर आंखे मूंदे बैठे हैं। इस संबंध में सवाल करने पर कहा जाता है कि शासन ने नक्शा पास करवाने को लेकर छूट दी है, जिस कारण वह किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने में सक्षम नहीं हैं।
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हाईकोर्ट ने दिए अवैध निर्माण पर रोक के आदेश तो निगम ने नोटिस भेजकर की खानापूर्ति
बीते अक्टूबर माह में क्षेत्र में अवैध निर्माण को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई। न्यायालय ने दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोटद्वार नगर निगम को अवैध निर्माण रोकने के निर्देश जारी किए। जिस पर कोटद्वार नगर निगम ने 30 अक्टूबर से अब तक मात्र 27 लोगों को ही अवैध निर्माण रोकने को लेकर नोटिस जारी किए हैं। हालांकि निगम की यह कार्रवाई भी नोटिस देने तक ही सीमित रही और अब भी क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं।
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आज होनी है हाईकोर्ट में सुनवाई
हाईकोर्ट में अवैध निर्माण को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर आज (बुधवार को) सुनवाई होनी है। कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में 24 नवंबर से पहले सभी पक्षों को मामले में हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए थे। नगर निगम कोटद्वार की ओर से भी अपनी रिपोर्ट कोर्ट को भेज दी गई है। अब सबकी निगाहें आज की सुनवाई पर टिकी हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही मामले में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
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अधिकारी एक-दूसरे पर डाल रहे हैं जिम्मेदारी
कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण को लेकर अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। बात करें नगर निगम की तो यहां के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें अवैध निर्माण पर कार्रवाई का अधिकार नहीं है। नगर निगम क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण पर जिला विकास प्राधिकरण को कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं, जिला विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि शासन की ओर से प्राधिकरण को स्थगित किया गया है। जिससे वह अवैध निर्माण पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने में असमर्थ हैं। हालांकि, नगर निगम एनओसी देने से पहले निर्माण का जायजा ले सकता है और यदि नियमों के अनुसार निर्माण नहीं हो रहा है तो उस पर रोक भी लगा सकता है। दोनों ही विभाग के अधिकारियों के एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालने से कहीं न कहीं अवैध निर्माण को बढ़ावा मिल रहा है।
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किस आधार पर दी जा रही है एनओसी
आवासीय या गैर आवासीय भवनों के निर्माण से पहले नगर निगम से एनओसी ली जाती है। एनओसी देने से पहले नगर निगम निर्माण का स्थलीय निरीक्षण करता है। यदि निर्माण सही भूमि पर सभी नियमों के अनुसार किया जा रहा है तो निगम एनओसी दे देता है। यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो निर्माण पर रोक लगाई जा सकती है।
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इन स्थानों पर किया जा रहा है अवैध निर्माण
क्षेत्रीय निवासी की ओर से गत दो नवंबर को नगर आयुक्त को भेजे पत्र में बताया गया है कि देवी मंदिर से पहले, पटेल मार्ग, तड़ियाल चौक से आगे, पुराना सिद्धबली मार्ग, देवी मंदिर आदि स्थानों पर अवैध निर्माण किया जा रहा है। इस पत्र में आरोप लगाया गया है कि नगर निगम सब कुछ जानकर भी अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं कर रही है।
बयान
हाईकोर्ट के निर्देशानुसार नगर निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस जारी किए गए हैं। आज कोर्ट की सुनवाई में जो भी निर्देश मिलेंगे, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
किशन सिंह नेगी, नगर आयुक्त, नगर निगम कोटद्वार
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शासन की ओर से जिला विकास प्राधिकरण को स्थगित किया गया है। फिलहाल आमजन की इच्छा के अनुसार भवन नक्शों को पास करने की कार्रवाई की जा रही है। कोर्ट के निर्देशों का इंतजार है, उसी के अनुसार अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जाएगी।
संदीप कुमार, सचिव, जिला विकास प्राधिकरण