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भारत में पेप्सी को झटका, आलू की विशेष किस्म पर पेटेंट को किया रद्द

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नई दिल्ली, एजेंसी : भारत में पेप्सी को बड़ा झटका लगा है। आलू की एक विशेष किस्म पर उसके पेटेंट को रद्द कर दिया गया है। इसी आलू से कंपनी लेज चिप्स बनाती है जो उसके सबसे ज्यादा बिकने वाले उत्पादों में शामिल है। पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकारों के लिए स्थापित संस्था ढढशफ ने लेज के आलू चिप्स का पेटेंट रद्द करने का आदेश जारी किया है। 2019 में पेप्सी ने गुजरात के कुछ किसानों पर इसलिए मुकदमा कर दिया था क्योंकि वे एफसी-5 आलू उगा रहे थे। ये विशेष किस्म के आलू कम नमी के लिए जाने जाते हैं और चिप्स बनाने के लिए उत्तम माने जाते हैं।
पेप्सी का कहना था कि आलू की इस किस्म पर उसका अधिकार है और अन्य किसान बिना उसकी इजाजत के इसे नहीं उगा सकते। पेप्सी की किसानों पर इस कार्रवाई का तीखा विरोध हुआ था जिसके बाद अमेरिकी कंपनी ने अपना मुकदमा वापस ले लिया था। किसानों ने इस मुकदमे को लड़ने की तैयारी कर ली थी, चार किसानों की तरफ से एक वकील ने पेप्सी के खिलाफ मुकदमा शुरू कर दिया था। लेकिन पूरे भारत के किसानों द्वारा विरोध के बाद कंपनी ने कहा था कि सद्भावपूर्ण तरीके से मामला हल कर लिया गया। किसानों के अधिकारों के लिए काम करने वालीं कविता कुरुगांती ने पीपीवीएफआई अथॉरिटी में एक याचिका दर्ज कर अनुरोध किया कि एफसी-5 आलू पर कंपनी का एकाधिकार रद्द किया जाए।
उनका तर्क था कि भारत के नियम बीजों की किस्मों पर पेटेंट का अधिकार नहीं देते। पीपीवीएफआर ने कुरुगांती की इस दलील को स्वीकार किया है कि पेप्सी बीज की एक किस्म पर दावा नहीं कर सकती। अथॉरिटी के अध्यक्ष केवी प्रभु ने कहा, “तुरंत प्रभाव से पंजीकरण रद्द किया जाता है।” इस बारे में पेप्सी ने कहा कि उसे इस आदेश की जानकारी है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, “हमें जानकारी है कि पीपीवीएफआर अथॉरिटी ने ऐसा आदेश पारित किया है और उसकी समीक्षा कर रहे हैं.” हालांकि कंपनी का कहना है कि एफसी-5 किस्म को उसने ईजाद किया था और 2016 में उसे पंजीकृत कराया था। पेप्सी ने 1989 में भारत में आलू के चिप्स का पहला प्लांट लगाया था।

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