आशाओं का अनिश्चितकालीन धरना 26वें दिन भी जारी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशाओं का अनिश्चितकालीन धरना 26वें दिन भी जारी रहा। आशाओं ने कहा कि उनकी मांगों को लेकर मात्र आश्वासन दिये जा रहे हैं। उनका आंदोलन जारी रहेगा। मांगों को लेकर विभिन्न स्तर पर दिये गये ज्ञापनों पर अभी तक कार्यवाही नहीं की गई है।
शुक्रवार को तहसील परिसर में धरने पर बैठी आशाओं ने कहा कि वे लगातार मांगों को लेकर अपना आंदोलन चला रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं कर रही है। 2017 से उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है। मांगों पर गौर न किये जाने से आशाओं ने कार्यबहिष्कार कर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है। प्रदेश सरकार से आशा कार्यकत्रियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम 21 हजार रुपये का मानदेय देने, जब तक मानदेय और कर्मचारियों का दर्जा मिलने तक अन्य विभागों से योजनाओं में लगे कार्मिकों की तरह मानदेय देने, सेवानिवृत्त होने पर पेंशन की सुविधा देने, कोविड कार्यों में लगी आशा कार्यकत्रियों को दस हजार रुपये मासिक भत्ता, 50 लाख रुपये का बीमा और दस लाख का स्वास्थ्य बीमा देने, कोविड ड्यूटी के दौरान मृत आशा कर्मियों के आश्रितों को 50 लाख का बीमा और चार लाख का अनुग्रह राशि देने, सेवा के दौरान दुर्घटना या किसी तरह बीमारी होने पर सुरक्षा के लिए नियम बनाए और न्यूनतम दस लाख रुपये का मुआवजा देने, देय मासिक राशि और सभी मदों का समय से भुगतान करने, आशाओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने, सभी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति करने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में अध्यक्ष प्रभा चौधरी, उपाध्यक्ष मीरा नेगी, सचिव रंजना कोटनाला, मंजू नेगी, यशोदा जखमोला, रीना देवी, सुमित्रा, संजू नेगी, शांति देवी, कांति कंडारी, कुसम, प्रीति, प्रवेश, सुमित्रा भट्ट, नीलम कुकरेती, कल्पना बिष्ट, रोशनी, मधु ममगांई, गोदाम्बरी, मुन्नी नयाल, कल्पना काला, मेघा असवाल, रेखा देवी, हेमा, दीपा रावत, सुरभि काला, बबीता ममगांई, ज्योति, रोशनी जदली आदि शामिल थे।