रुद्रप्रयाग। ऊखीमठ ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज रामपुर न्यालसू में उत्तराखंड सरकार के निर्देशों पर सात दिवसीय भारतीय भाषा समर कैंप का आयोजन शुरू हो गया। मंगलवार से शुरू हुए कैंप का समापन 2 जून को होगा। इसका उद्देश्य छात्रों में भारतीय भाषाओं को आत्मसात कराना और भारत की भाषा विविधता से समृद्ध ज्ञान परंपराओं को आत्मसात कराना है। मंगलवार को कार्यक्रम की शुरुआत में छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। जिसमें लोक नृत्य, श्लोक वाचन और सम्भाषण प्रमुख रहे। छात्रों की प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को एक नया आयाम दिया गया जिससे सभी लोग प्रभावित हुए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसएमसी अध्यक्ष दिनेश सिंह रावत ने छात्रों को संस्कृत भाषा के प्रति प्रोत्साहित किया। कहा कि संस्कृत भाषा हमारी सांस्कृतिक धरोहर है और इसका महत्व हमारे जीवन में बहुत अधिक है। कार्यक्रम को कैंप के समन्वयक रोशन शाह ने भी संबोधित किया। उन्होंने छात्रों को संस्कृत भाषा के महत्व और उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। समर कैंप में कक्षा 9 से 12 तक के 60 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस मौके पर उन्हें संस्कृत भाषा में वार्तालाप करना सिखाया जा रहा है जबकि संस्कृत भाषा वर्णमाला और लिपि के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। विशेषज्ञ वक्ताओं ने छात्रों को संस्कृत भाषा के विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रशिक्षण दिया और उन्हें अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान किया। बताया गया कि संस्कृत भाषा के शिक्षण में चार प्रमुख सौपान हैं। जिनमें श्रवण, भाषण, पठन और लेखन शामिल है। चारों सौपानों के माध्यम से छात्रों को संस्कृत भाषा के मूलभूत सिद्धांतों और व्याकरण के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसको लेकर शिक्षक एसपी ध्यानी प्रकाश डाला। विद्यालय के प्रधानाचार्य जगजीत रमोला ने कार्यक्रम की सफलता के लिए सराहना की। बच्चों को कैम्प के माध्यम से व्यक्तित्व विकास के लिए कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बताया।