कोटद्वार-पौड़ी

काव्य गोष्ठी मेें कवियों की प्रस्तुति ने मोहा मन

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। साहित्यिक संस्था “साहित्यांचल ” की एक विशेष काव्य गोष्ठी शिवप्रकाश कुकरेती की अध्यक्षता में कालिदास मार्ग स्थित गौड़ निवास में संपन्न हुई। गोष्ठी में वरिष्ठ, नवोदित कवियों ने अपनी हिन्दी, गढ़वाली काव्य रचनाओं, गजल व गीतों की प्रस्तुति देकर उपस्थित लोगों का मन मोहा।
मुख्य अतिथि स्क्वाड्रन लीडर सीएम कुडलिया (अवकाश प्राप्त) ने दीप प्रज्जवलित कर गोष्ठी का शुभारंभ किया। गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार महेशानंद गौड़ की चल रूपा, बुरांश का फूल बणी जौंला गीत की प्रस्तुति से माहौल को रंगीन बना दिया। वहीं ललन बुड़ाकोटी की हिन्दी गजल, मोहिनी नौटियाल का आज के संदर्भों में गढ़वाली गीत, यतेन्द्र गौड़ के श्रृंगार से भरपूर मधुर गीत, सरस्वती वंदना, संस्था के महासचिव अनुसूया प्रसाद डंगवाल के गीत यूं ही चलता रहूं, न रंज तिल भर करूं, वरिष्ठ साहित्यकार सत्यप्रकाश थपलियाल की आज के नितान्त उहापोह की सामाजिक स्थिति को इंगित करती रचना समझ नी आणू, ऐथर क्या क्या होलू , कोरोना संकट से वर्तमान घरों में ‘वर्क फ्रॉम होम वाली नई विधा से उपजी स्थिति पर बलबीर सिंह रावत की चुटीली रचना, जेपी भारद्वाज की मोबाइल फोन की विधा से अनजान पुराने लोगों की व्यथा से जुड़े व्यंग्य ने कार्यक्रम को बहुत ही रोचक बना दिया। सरोजनी कुकरेती ने वरिष्ठ जनों के अनुभवों से लाभान्वित होने की सीख देने वाली रचना ” दाना दिवाना अर हम” की प्रस्तुति दी। इरा भट्ट के रूप में हिन्दी और गढ़वाली भाषा का आह्वान करने वाली कवियत्री के रूप में तथा राजेंद्र गौड़ को नव आह्वान से भरपूर रचनाकार की प्रविष्टि मिली। मुख्य अतिथि सीएम कुंडलिया ने साहित्यांचल संस्था का आह्वान किया कि उदीयमान युवाओं को सामाजिक चेतना से भरपूर रचनाधर्मिता के साथ आगे लाने हेतु सतत् प्रयास किए जाय। इस मौके पर ब्लूमिंग वेल संस्था की प्रधानाचार्या रेखा गौड़, अस्मित गौड़, समाजसेवी विनोद चन्द्र कुकरेती आदि उपस्थित रहे।

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