कोटद्वार नगर निगम को नहीं है शासन की परवाह, शासनादेश के खिलाफ बदल दिया चौराहे का नाम
लालबत्ती चौराहे का नाम ‘सर्वोदय चौक’ रखने को वर्ष 2015 में शासन ने दे दी थी मंजूरी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कोटद्वार के सबसे व्यस्ततम लालबत्ती चौराहे के नामकरण को लेकर शासन ने वर्ष 2015 में ही आदेश जारी कर दिया था। जिसके अनुसार इस चौक का नाम सर्वोदय चौक किया जाना था। हालांकि, तब से अब तक यह शासनादेश फाइलों में ही धूल फांकता रहा और अब कोटद्वार नगर निगम ने भी इस आदेश को नहीं माना। इसी का नतीजा है कि एक बार फिर महात्मा गांधी और विनोबा भावे के समाज के लिए किए गए त्याग को भुला दिया गया।
बता दें कि लालबत्ती चौक का नाम अब वीर बाला तीलू रौतेली के नाम पर रख दिया गया है। हालांकि, गढ़वाल सर्वोदय मंडल ने इस पर आपत्ति जताई है। संगठन के अध्यक्ष सुरेंद्र लाल आर्य का कहना है कि वीर बाला तीलू रौतेली के कार्यों को भी नहीं भुलाया जा सकता है, लेकिन समाज के उत्थान के लिए सबकुछ त्यागने वाले महात्मा गांधी, विनोबा भावे, सर्वोदय सेवक मान सिंह रावत को भुलाना भी ठीक नहीं है।
यहां यह जानना बहुत जरूरी है कि वर्ष 2010 में तत्कालीन नगर पालिका परिषद कोटद्वार की बोर्ड बैठक में लालबत्ती चौक का नाम सर्वोदय चौक रखे जाने पर मुहर लग गई थी। इसके बाद आठ अक्टूबर 2015 को उत्तराखंड शासन के सचिव ने नगर पालिका परिषद कोटद्वार को पत्र भी जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार कोटद्वार में नजीबाबाद चौराहे (लालबत्ती चौराहे) का नाम सर्वोदय चौक किया जाए। साथ ही इस कार्रवाई से शासन को भी अवगत कराने को कहा गया था। हालांकि हर स्तर पर शासन के इस आदेश को मजाक समझा गया और कभी भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
बयान
नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत सड़कों व चौराहों के नाम रखने व बदलने का अधिकार नगर निगम प्रशासन को होता है। इसके लिए शासनादेश की आवश्यकता भी नहीं होती है। साथ ही निगम पिछले बोर्ड में लिए गए फैसलों को भी बदल सकता है।
किशन सिंह नेगी, नगर आयुक्त, नगर निगम कोटद्वार
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लालबत्ती चौक का नाम बदलने को लेकर पुराने बोर्ड में लिए गए फैसलों की जानकारी नहीं है। हालांकि, वर्तमान में जो लालबत्ती चौक का नाम रखा गया है उसे बोर्ड बैठक में पास किया गया था। नाम बदलने को लेकर शासनादेश की आवश्यकता नहीं होती है।
हेमलता नेगी, महापौर, नगर निगम कोटद्वार