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कोटद्वार से रैफर एक और कोरोना मरीज की रास्ते में हुई मौत, परिजनों ने कहा कि रास्ते में ऑक्सीजन हुई खत्म

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार राजकीय बेस अस्पताल से कोरोना का एक और मरीज रैफर होने के बाद हायर सेंटर जाते हुए रास्ते में दम तोड़ बैठा। परिजनों का कहना है कि एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सलेण्डर में ऑक्सीजन खत्म होने के कारण मरीज ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इससे पहले भी कोटद्वार बेस अस्पताल से रैफर हुए एक और मरीज ने हायर सेंटर पहुंचने से पहले ही रास्ते में दम तोड़ दिया था। नगर निगम क्षेत्र में कोरोना से मरने वालों की संख्या अब पांच हो गई है। वहीं चिकित्सालय प्रशासन का कहना है कि एम्बुलेंस में ऑक्सीजन की पूरी व्यवस्था थी। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार ही एम्बुलेंस का संचालन किया जा रहा है।
शनिवार को कोटद्वार में एक और वृद्ध की मौत होने से जहां स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं लोग दहशत में है। मृतक के परिजनों की ओर से नगर निगम के वार्ड नंबर एक के पार्षद हरीश नेगी ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म होने के कारण मरीज की मौत हुई है।
राजकीय बेस अस्पताल के वरिष्ठ अधीक्षक डॉ. वीसी काला ने बताया कि रतनपुर कुम्भीचौड़ निवासी 76 वर्षीय वृद्ध को विगत 23 सितम्बर को अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया। जहां चिकित्सक ने वृद्ध के परिजनों को भर्ती कराने की सलाह दी, लेकिन परिजन भर्ती कराने के बजाय वृद्ध को घर ले गये। 24 सितम्बर को सुबह परिजन वृद्ध को वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. ध्यानी के पास लाये। निमोनिया की शिकायत को देखते हुए सैंपल लेकर टूनेट मशीन से कारोना जांच की गई। जांच रिपोर्ट में वृद्ध में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। जिस पर वृद्ध को कोरोना वार्ड में आइसोलट कर दिया गया। ऑक्सीजन लेबल कम होने पर वृद्ध के परिजनों को 24 और 25 सितम्बर को बाहर ले जाने की सलाह दी गई, लेकिन परिजन मरीज को बाहर नहीं ले गये। 25 सितम्बर रात को जब मरीज की तबीयत ज्यादा खराब होने पर परिजनों को बाहर ले जाने की सलाह दी गई, परिजनों का कहना था कि शनिवार 26 सितम्बर को ले जायेगें। शनिवार को सुबह परिजन वृद्ध को लेकर देहरादून जा रहे थे। इसी दौरान नहर मार्ग पर वृद्ध की मौत हो गई। एम्बुलेंस चालक ने इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को दी। जिस पर अस्पताल प्रशासन ने वृद्ध के शव को बेस अस्पताल लाने को कहा। डॉ. काला ने मृतक के परिजनों के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि एम्बुलेंस में ऑक्सीजन की पूरी व्यवस्था थी। एम्बुलेंस में ऑक्सीजन के दो सलेण्डर रहते है।

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