Uncategorized

कुंभ: आयोजनों पर लगी रोक व ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को समाप्त करने की मांग की

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

हरिद्वार। कुंभ में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर जारी की गयी गाइडलाइन को लेकर संत आक्रोशित हैं। संतों ने कुंभ में सत्संग, ध्यान, भंडारे और हवन आयोजनों पर लगाई गई रोक को तत्काल हटाने के साथ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को समाप्त करने की मांग की। गुरुवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए आचार्य महामंडलेश्वर विश्वात्मानंद गिरी ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि भंडारों, पूजा-पाठ, सत्संग और भगवान के कीर्तन का हिस्सा बनने आ रहे लोगों को यह धार्मिक कार्य नहीं मिलेंगे। मुगल और अंग्रेजों के काल में भी ऐसा कभी कुंभ में नहीं हुआ। सरकार कोविड टेस्ट कराकर आने को कह रही है, संत इसके लिए तैयार हैं, लेकिन गांव-देहात से आने वाले श्रद्धालुओं को जिस तरह ऑनलाइन पंजीयन कराने को कहा जा रहा है वह अमान्य है। सरकारी साइट पर घंटों बैठने के बाद भी पंजीयन नहीं हो रहा है। आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद भारती ने कहा कि सरकार के पास अभी भी समय है कि वे सत्संग आदि की अनुमति दे, उसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराए। पालन न करने वालों के खिलाफ कारवाई की जाए। कुंभ में जो भी व्यवस्था है वो कुछ लोगों के लिए की गई है हमारे लिए व्यवस्था शून्य है। महामंडलेश्वर विश्वेभवरानंद गिरी ने कहा कि आज तमाम महामंडलेश्वर ये निर्णय लेंगे कि सरकार यदि हमारी बात नहीं सुनती तो आगे क्या निर्णय लिया जाए। कुंभ संतों के साथ देश के करोड़ों लोगों का मेला है यदि वे ही न आ पाए तो कैसा मेला। अब सरकार को अपनी गाइडलाइन में थोड़ा परिवर्तन कर लोगों को मेले में सुरक्षित लाने की व्यवस्था करनी चाहिए। वार्ता में मुख्य रूप से महामंडलेश्वर आनंद चेतन, महामंडलेश्वर अक्षरा नंद गिरी, महामंडलेश्वर चिदंबरा नंद सरस्वती, महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी, आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरी, महामंडलेश्वर अर्जुन पुरी, महामंडलेश्वर शारदा गिरी, सतपाल ब्रह्मचारी, सच्चिदानंद गिरी, स्वामी अच्युतानंद, महामंडलेश्वर रामानंद गिरी, महंत रवींद्र पुरी, महंत सत्यम गिरी सहित काफी संख्या में संत उपस्थित हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!