उत्तराखंड

मनीष गुप्ता हत्याकांड में पचास हजार का इनामी गिरफ्तार

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हरिद्वार)। मनीष गुप्ता हत्याकांड में छह साल से फरार चल रहे पचास हजार के इनामी आरोपी वीर सिंह सैनी उर्फ भगत सिंह को एसटीएफ ने बिजनौर के एक धर्मस्थल से दबोच लिया। आरोपी साधु बनकर रह रहा था। घटना वर्ष 2018 में सिंतबर माह में हुई थी। ज्वालापुर के गणेश विहार सीतापुर निवासी रमेश चंद्र गुप्ता ने इस संबंध में कोतवाली रानीपुर में मुकदमा दर्ज कराया था। बताया कि लेबर कालोनी में रहने वाले उसके दामाद हेमंत ध्यानी, उसकी बेटी सुषमा ध्यानी से पड़ोसी भगत सिंह, उसके बेटे बलवीर सिंह और ब्रिजेश ने मारपीट की थी। पुलिस को घटना की सूचना दी गई थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई करना उचित नहीं समझा था। 14 सितंबर को फिर से उसके दामाद को बुरी तरह पीटा गया। दामाद ने उनके बेटे मनीष गुप्ता को मौके पर बुलाया था, जिसके बाद आरोपी भगत सिंह ने अपने बेटों के साथ मिलकर उसके बेटे के सिर पर कुल्हाड़ी से वार किए थे। गंभीर अवस्था में उसके बेटे को हायर सेंटर रेफर किया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी। उस वक्त पुलिस ने आरोपी के एक बेटे ब्रिजेश को पकड़ लिया था जबकि उसका पिता और भाई फरार होने में कामयाब रहे थे। पुलिस ने फरार चल रहे पिता-पुत्र पर पचास हजार रुपये के इनाम की घोषणा की थी। इनामी आरोपी पिता वीर सिंह सैनी उर्फ भगत सिंह पुत्र स्व रामस्वरूप निवासी ग्राम रामजीवाला छकडा थाना मंडावर जिला बिजनौर के गांव के ही शिव मंदिर में साधु बनकर छिपे होने की सूचना मिली, जिसके बाद एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए आरोपी पिता को गांव से ही दबोच लिया। एसटीएफ ने आरोपी पिता को यहां लाकर रानीपुर कोतवाली पुलिस के सुपुर्द कर दिया। एसटीएफ टीम में निरीक्षक अबुल कलाम, एसआई विद्या दत्त जोशी, हेड कांस्टेबल महेंद्र नेगी, कांस्टेबल मोहन असवाल शामिल रहे। कोतवाली प्रभारी नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताय कि आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। फरार चल रहे आरोपी के पुत्र की तलाश की जा रही है।

 

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