मंत्री सत्येंद्र जैन पर लगाया बेनामी संपत्ति का आरोप, कोर्ट ने कहा सबूत दो तो साध ली चुप्पी, लगा 50 हजार का जुर्माना
नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन पर बेनामी संपत्ति का आरोप लगाने के मामले में साक्ष्य पेश नहीं करने पर लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता वकील नीरज पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। नीरज ने वर्ष 2017 में दिल्ली लोकायुक्त से शिकायत कर जांच कराने की मांग की थी। सत्येंद्र जैन के वकील अमित आनंद तिवारी का कहना है कि बेनामी संपत्ति का झूठा आरोप लगाने पर लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता की खिंचाई करते हुए जुर्माना लगाया है।
लोकायुक्त ने आदेश दिया है कि सुनवाई की अगली तिथि तक जुर्माने की राशि को जमा करना होगा। साथ ही अगली सुनवाई तक साक्ष्य पेश करने का अंतिम मौका दिया है। अगर शिकायतकर्ता अगली सुनवाई पर भी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो इस मामले में साक्ष्य जमा करने का अधिकार खत्म हो जाएगा। इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज का कहना है कि जब से आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार बनी है, तभी से उसके विधायकों और मंत्रियों को झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश हो रही है।
ईडी, सीबीआइ, आयकर विभाग, दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियों के जरिये पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता कट्टर ईमानदार हैं। यह एक बार फिर साबित हो गया है।
निजी अस्पताल द्वारा गैरकानूनी तरीके से यमन से आए दंपती का पासपोर्ट रखने के मामले में दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया कि मामले की जांच अभी चल रही है। शिकायतकर्ता मार्च में यमन से भारत अपने बेटे का इलाज कराने आए थे। बेटे की पीठ में तकलीफ है। याचिकाकर्ता ने पूर्वी दिल्ली स्थित निजी अस्पताल को उनके पासपोर्ट वापस करने का निर्देश देने की मांग की है, ताकि अपने देश वापस लौट सकें।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ के समक्ष पुलिस ने कहा कि बयान जांच अधिकारी ने दर्ज किया है और आगे की जांच जारी है। पीठ ने इस पर मामले की सुनवाई 20 जुलाई तक के स्थगित कर दी। पुलिस ने पीठ को बताया कि निश्चित रूप से पासपोर्ट अस्पताल के पास न होकर किसी और के पास है। अस्पताल की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने दावा किया कि उनके पास पासपोर्ट नहीं हैं।