वारंटी में मोबाइल ठीक नहीं करना पड़ा महंगा

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-उपभोक्ता आयोग ने दिए कंपनी, डीलर और सर्विस सेंटर को 45 दिन के भीतर पीड़ित को भुगतान करने के आदेश
देहरादून। वारंटी अवधि में मोबाइल ठीक नहीं करना कंपनी, डीलर और सर्विस सेंटर को महंगा पड़ गया। उपभोक्ता आयोग ने तीनों को सेवा में कमी का दोषी पाते हुए मोबाइल रिपेयरिंग के 10 हजार रुपये, 03 हजार रुपये वाद व्यय के साथ लौटाने के आदेश दिए हैं। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष पुष्पेंद्र खरे, सदस्य अल्का नेगी की कोर्ट ने गुरुवार को 07 साल पुराने मामले में सुनवाई की। जानकारी के अनुसार, प्रदीप सिंघल निवासी साकेत कॉलोनी राजपुर रोड ने 2018 में गेलोर्ड एम्पोरियम प्रोपराईटर पलटन बाजार से अपने बेटे के लिए 12 हजार रुपये का सैमसंग का मोबाइल खरीदा था।
इस मोबाइल पर सैमसंग इंडिया इलेक्ट्रानिक प्राइवेट लिमिटेड की ओर से 01 साल की वारंटी दी गई थी। आरोप था कि मोबाइल खरीद के दो महीने बाद ही मोबाइल में चार्जिंग से संबंधित परेशानी आ गई। डीलर की ओर से उन्हें सैमसंग के राजपुर रोड स्थित रिपेयरिंग सेंटर भेजा गया। रिपेयरिंग सेंटर ने मोबाइल ठीक करने के लिए 9472 रुपये का बिल बता दिया, जबकि मोबाइल वारंटी पर था। इसके बाद पीड़ित ने नोटिस जारी किया, वादियों की ओर से जवाब नहीं दिया गया। बाद में यह मामला उपभोक्ता आयोग पहुंचा। आयोग ने मामले में कंपनी, डीलर और सर्विस सेंटर को सेवा में कमी का दोषी ठहराया और 45 दिन के भीतर पीड़ित को भुगतान करने के आदेश दिए।

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