बदहाल हुए शहर के पार्क, नींद में नगर निगम
शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाते है पार्क
शिकायत के बाद भी नगर निगम नहीं सुधार रहा पार्कों की हालत
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: नगर निगम क्षेत्र में बनाए गए पार्क बदहाल स्थिति में पहुंच चुके हैं। हालत यह है कि शाम ढलते ही पार्कों में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने लगता है। जगह-जगह पार्कों में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। बच्चों के खेलने के लिए बनाए गए झूले भी टूट चुके हैं। शिकायत के बाद भी नगर निगम पार्कों की हालत सुधारने के सुध नहीं ले रहा।
वर्तमान में नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत बुद्धा पार्क, मालवीय उद्यान, स्व.चंद्रमोहन सिंह नेगी पार्क, बिजलीघर के निकट स्थित दो पार्कों को मिलाकर पांच पार्क आते हैं। लेकिन, देखरेख के अभाव में इन सभी पार्कों की हालत बदहाल स्थिति में पहुंच चुकी है। बच्चों के खेलने के लिए लगाए गए झूले व बुजुर्गों के बैठने के लिए बनाए गए बैंच असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिए हैं। साथ ही पार्कों में लगाए गए कूड़ेदान भी गायब हो चुके हैं। बदहाली के कारण बुजुर्गों व बच्चों ने पार्क में घूमना भी छोड़ दिया है। सबसे बुरी स्थिति बुद्धा पार्क व स्व.चंद्रमोहन सिंह नेगी पार्क की बनी हुई है। शहरवासी मीना देवी, पुष्पा देवी ने बताया कि कोटद्वार नगर निगम बनने के बाद शहरवासियों को बेहतर विकास की उम्मीद थी। लेकिन, नगर निगम नागरिकों के सुकून के लिए बनाए गए पार्कों की व्यवस्था भी नहीं सुधार पा रहा है। हालत यह है कि पार्कों में सफाई नहीं होने से जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं।
पुलिस भी नहीं देती ध्यान
शाम ढलते ही शहर के सभी पार्कों में असामाजिक तत्वों की महफिल जमने लगती है। पूर्व में यह असामाजिक तत्वा लोगों के साथ भी अभद्रता कर चुके है। असामाजिक तत्वों के कारण लोगों ने पार्कों के आसपास जाना भी छोड़ दिया है। बावजूद इसके पुलिस भी इन असामाजिक तत्वों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती। जबकि, पूर्व में क्षेत्रवासी कई बार समस्या से पुलिस को भी अवगत करवा चुके हैं।
पार्क की स्थिति सुधारने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। बजट मिलते ही पार्क को बेहतर रूप दिया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को भी आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।…हेमलता नेगी, महापौर, कोटद्वार नगर निगम