चौथे दिन भी काला फीता बांध किया काम
बागेश्वर। संविदा स्टाफ नर्सेज महासंघ ने नर्सिग भर्ती की लिखित परीक्षा का विरोध किया है। संविदा नर्सेज ने चयन वर्षवार ज्येष्ठता के आधार पर कराने की मांग की है। चौथे दिन उन्होंने काला फीता बांध काम किया। नर्सेज महासंघ के आह्वान पर 2621 पदों पर स्टाफ नर्स की प्रस्तावित परीक्षा के विरोध में संविदा स्टाफ नर्सों ने काला फीता बांध विरोध शुरू कर दिया है। आंदोलनरत स्टाफ नर्सों ने कहा कि कोरोना महामारी काल में कर्मचारी सेवाएं देते हुए कोविड पॉजिटिव हो गए हैं। परीक्षा होने पर खतरा बढ़ सकता है। वे पांच से 15 वर्षों से प्रदेश के दुर्गम, अति दुर्गम क्षेत्रों में अल्पवेतन में कार्य कर रहे हैं। कोरोना महामारी के समय घर, परिवार को छोड़कर दिन-रात कार्य कर रहे हैं। जबकि प्रधानमंत्री ने दो मई को अपने संबोधन में कहा कि कोविड महामारी काल में 100 दिन कार्य करेंगे, उन्हें स्थायी नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी। वे इस महामारी काल में 400 से अधिक दिनों से काम कर रहे हैं। स्टाफ नर्स की मूलत पोस्टिग डिप्लोमा की है, लेकिन डिग्री धारकों को भी शामिल किया गया है। यह न्यायोचित नहीं है। 70 डिप्लोमा व 30 डिग्रीधारी नियम को यथावत रखा जाए। कहा कि 11 वर्ष बाद यह परीक्षा आयोजित की जा रही है और नए बच्चों से उनका कंप्टीशिन कराया जा रहा है। उन्होंने फार्मेसिस्ट, एएनएम की तर्ज पर ही स्टाफ नर्स का चयन वर्षवार कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि 25 मई से लगातार काला फीता बांधकर शुरू उनका विरोध 31 तक चलेगा। जून 2021 में परीक्षा होने तक सामूहिक परीक्षा अवकाश पर चले जाएंगे। इस मौके पर नीतू लखेडा, नामिता सिंह, अनीता जोशी, दीपा, निधि रावत, अंजू कनवाल, दीपा पुरोहित, देवकी, गीता टाकुली आदि मौजूद थीं।